नई दिल्ली: किसान आंदोलन 2.0 का आज 14वां दिन है। किसान अभी भी दिल्ली आने की मांग को लेकर सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान दिल्ली ना आ पाएं इसके लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने सीमाओं को सील कर रखा है। हरियाणा और पंजाब की सीमाओं पर दो हफ्ते से सुरक्षाबलों और किसानों के बीच झड़प चल रही है। किसान नेताओं और सरकार के बीच चार दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला है।
मार्च के सहारे किसान संगठन दिखाएंगे अपनी ताकत
इस आंदोलन में कई किसानों और सुरक्षाबलों के जवानों की मौत हो चुकी है। इसके बाद किसानों ने 29 फरवरी तक के लिए दिल्ली कूच रोक दिया है। वहीं आज संयुक्त किसान मोर्चा के कई दल ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। ट्रैक्टर मार्च के सहारे किसान संगठन अपनी ताकत दिखाएंगे। इसके साथ ही किसान संगठन एमएसपी गारंटी कानून समेत अपनी कई मांगों को लेकर हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर WTO का पुतला जलाएंगे।
दिल्ली की तरफ मुंह करके खड़े होंगे ट्रैक्टर
जानकारी के अनुसार, दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे पर ट्रैक्टर श्रृंखला बनाकर किसान सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे। इस प्रदर्शन के लिए भारतीय किसान यूनियन कई दिनों से तैयारी कर रहा है। इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम भी पुख्ता किए हैं। किसान संगठन हरिद्वार से लेकर गाजीपुर बॉर्डर तक किसान ट्रैक्टरों की श्रृंखला बनाएंगे। किसान दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर ट्रैक्टर दिल्ली की तरफ मुंह करके खड़ा करेंगे।
राकेश टिकैत करेंगे आंदोलन की अगुवाई
किसान संगठन के एक नेता ने बताया कि दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे की लेफ्ट हैंड की एक लेन में ट्रैक्टर खड़े किए जाएंगे। सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर किसानों का कब्जा होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों से वादाखिलाफी की है। अब किसान भी आर-पार की लड़ाई लड़ेगा। ट्रैक्टर मार्च के लिए उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 8, मेरठ में 4 और गाजियाबाद में भी 4 प्वाइंट बनाए हैं। राकेश टिकैत मुज्जफरनगर से आंदोलन की शुरुआत करेंगे। इसके बाद वह मेरठ होते हुए दिल्ली गाजियाबाद पहुंचेंगे। ट्रैक्टर मार्च की बाबत किसानों से कह दिया गया है कि गांव में एक भी ट्रैक्टर नहीं रहना चाहिए, सभी ट्रैक्टर हाईवे पर नजर आने चाहिए।
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