Kerala: केरल के वायनाड में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यालय में तोड़फोड़ की खबर आई है। इंडिन यूथ कांग्रेस ने एक ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि राहुल गांधी के वायनाड कार्यालय की दीवार पर चढ़कर ऑफिस में घुसे। तोड़ फोड़ करने वाले गुंडों ने एसएफआई के झंडे पकड़े थे। अधिकारियों ने कहा कि विरोध मार्च में लगभग 100 स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ता शामिल थे और वे कार्यालय में घुस गए।
"राहुल गांधी के कर्मचारियों पर बेरहमी से हमला"
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आज दोपहर करीब 3 बजे एसएफआई कार्यकर्ताओं और नेताओं के एक समूह ने वायनाड के सांसद राहुल गांधी के कार्यालय पर जबरन अतिक्रमण कर लिया। उन्होंने कार्यालय के लोगों, राहुल गांधी के कर्मचारियों पर बेरहमी से हमला किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें इसका कारण नहीं पता।
केसी वेणुगोपाल का कहना है कि वे बफर जोन के मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि इस मामले में राहुल गांधी की क्या भूमिका है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, अगर उस मुद्दे में कुछ भी करने योग्य हो सकता है, तो वह केरल के सीएम द्वारा किया जा सकता है। वायनाड के आम लोगों को देखकर राहुल गांधी ने सीएम को उनके हस्तक्षेप के लिए पत्र लिखा, उन्होंने पीएम को भी पत्र लिखा है। लेकिन हमें समझ नहीं आ रहा है कि ये एसएफआई के लड़के किस हिसाब से राहुल गांधी के कार्यालय पर चढ़े और हमला किया।
"पुलिस की मौजूदगी में हुई तोड़-फोड़"
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के वायनाड कार्यालय में तोड़फोड़ की घटना पर कहा, "यह पुलिस की मौजूदगी में हुआ। यह सीपीएम नेतृत्व की स्पष्ट साजिश है। पिछले 5 दिनों से ईडी उनसे पूछताछ कर रही है उसके बाद मुझे नहीं पता कि केरल सीपीएम नरेंद्र मोदी के हमला करने के रास्ते पर क्यों जा रही है?" वेणुगोपाल ने कहा कि मुझे लगता है कि सीताराम येचुरी आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
केरल के मुख्यमंत्री ने कही कड़ी कार्रवाई की बात
वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वायनाड में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कार्यालय पर हमले की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
शशि थरूर का CPIM और SFI पर निशाना
इतना ही नहीं इस हमले को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी ट्वीट कर सीपीआईएम और एसएफआई पर निशाना साधा है। थरूर ने लिखा कि क्या सीएम पिनाराई विजयन अनुशासनात्मक कार्रवाई करें या उनकी चुप्पी से ऐसे व्यवहार को माफ करने दें?
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