Kerala News: केरल में जल्द महिलाओं, युवाओं और बाल अधिकार समिति के मॉडल पर बुजुर्गों के मुद्दों से निपटने के लिए एक विशेष आयोग गठित किया जा सकता है। आपको बता दें कि राज्य में करीब 42 लाख वरिष्ठ नागरिक हैं। सामाजिक न्याय और उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदू ने बताया कि राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अत्याचार और उत्पीड़न की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर बुजुर्गों के मुद्दों और चिंताओं को दूर करने के लिए एक समिति गठित करने पर विचार कर रही है।
बुजुर्ग नागरिकों की देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी
उन्होंने शुक्रवार को कहा, ‘‘सरकार इस प्रस्ताव पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है क्योंकि यह पता चला है कि कई बुजुर्ग, जिन्होंने कभी समाज और परिवार के लिए कड़ी मेहनत की थी, वे अपने जीवन के उत्तरार्द्ध में उपेक्षा, अपमान और यातना का सामना कर रहे हैं।’’ कलामास्सेरी में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण और सुरक्षा के संबंध में शिकायतों के निपटारे के लिए भरण-पोषण न्यायाधिकरण अदालत के एक उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि बुजुर्ग नागरिकों की देखभाल करना और उन्हें रहने के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना समाज की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने बुजुर्गों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का विवरण देते हुए कहा कि सामाजिक न्याय विभाग उनके लिए क्लब, पार्क आदि स्थापित करने की पहल करेगा। मंत्री ने कहा कि सभी पंचायतों में वृद्ध देखभाल केंद्र होने चाहिए और उनकी देखभाल के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त नर्सों को शामिल किया जाना चाहिए।
केरल में वर्ष 2006 में पेश की थी ‘वृद्धावस्था नीति
उन्होंने ने कहा कि उनके विभाग का उद्देश्य राज्य के सभी 14 जिलों में सुरक्षित होम नर्सिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना है। आपको बता दें कि केरल उन शुरुआती राज्यों में से एक था जिसने 2006 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिकतम कल्याणकारी उपाय सुनिश्चित करने के लिए ‘वृद्धावस्था नीति’ पेश की थी। केरल में इस वक्त पिनाराई विजयन के नेतृत्व सीपीएम के नेतृत्व वाला वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार में है।
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