Kerala News: केरल के कोझिकोड की मेयर बीना फिलिप के आगामी श्रीकृष्ण जयंती समारोह के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने से केरल में विवाद खड़ा हो गया है। विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच मिलीभगत को दर्शाता है।
मेयर फिलिप ने रविवार को RSS के तहत एक संगठन बालगोकुलम के एक कार्यक्रम में भाग लिया और एक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तर भारतीय केरल की तुलना में बच्चों की बेहतर देखभाल करते हैं। इस कार्यक्रम में फिलिप के शामिल होने से विवाद शुरू होने के बीच सत्तारूढ़ दल माकपा ने मेयर की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया और कहा कि उनकी टिप्पणी पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
'कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान दिया गया भाषण सही नहीं था'
माकपा ने एक बयान में कहा, "कोझिकोड नगर निगम की मेयर बीना फिलिप की ओर से RSS के तहत एक संगठन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान दिया गया भाषण सही नहीं था। उस विशेष मुद्दे के प्रति मेयर का रुख पार्टी के बिल्कुल विपरीत है। माकपा इसे स्वीकार नहीं सकती। पार्टी ने मेयर के रुख की सार्वजनिक रूप से निंदा करने का फैसला किया है।"
'बयानों को दुर्भावनापूर्ण इरादे से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया'
इस बीच, मेयर ने मीडिया से कहा कि उनके बयानों को दुर्भावनापूर्ण इरादे से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि वाम मोर्चा सरकार ने अपनी वामपंथी पहचान खो दी है और उस मोर्चे के सहयोगी भी इस तरह के घटनाक्रम से नाखुश हैं।
कांग्रेस नेता सतीशन बोले- माकपा अभी चुप क्यों है?
कांग्रेस नेता सतीशन ने कहा, "माकपा अभी चुप क्यों है? उन्होंने हाल में मेरी एक पुरानी तस्वीर निकालकर बड़ा मुद्दा बनाया, जिसमें मैंने स्वामी विवेकानंद पर एक पुस्तक का विमोचन किया था। मेयर ने कहा कि उनकी पार्टी ने किसी को भी इस तरह के किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने से प्रतिबंधित नहीं किया है। इसका मतलब है कि उन्होंने पार्टी की जानकारी के साथ कार्यक्रम में शिरकत की।"
'उत्तर भारतीय बच्चों की बेहतर देखभाल करते हैं'
फिलिप ने अपने भाषण में कहा कि केरल में बच्चों की देखभाल उतनी अच्छी नहीं होती है, जितनी उत्तर भारत में होती है। उन्होंने रविवार को अपने भाषण में कहा था, "बाल मृत्यु दर कम होने का मतलब यह नहीं है कि बच्चों की देखभाल अच्छी है। इसके लिए हमें अपने बच्चों को उत्तर भारतीयों की तरह प्यार करना सीखना होगा।" फिलिप ने कहा था कि केरलवासी अपने बच्चों को लेकर स्वार्थी हैं और दूसरे बच्चों के साथ अलग व्यवहार करते हैं, लेकिन उत्तर भारत में हर बच्चे की समान देखभाल की जाती है।
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