Kerala News: केरल के कन्नूर में सुअरों को लगातार मारा जा रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, जितनी तेजी से सुअरों को मारने का काम किया जा रहा है, उतनी ही तेजी से उन्हें दफनाया भी जा रही है। दरअसल ऐसा ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ के हाल में पाए गए मामलों को देखते हुए किया जा रहा है। केरल के कन्नूर जिले की कनिचार पंचायत के एक स्थानीय फॉर्म में सुअरों को मारकर दफन किया जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, बीमारी को फैलने से रोकने के लिए एहतियातन कदम उठाते हुए और सभी अनिवार्य प्रक्रियाओं का पालन करते हुए फॉर्म में मंगलवार को कम से कम 95 सुअरों को मारकर दफनाया गया।
273 सुअरों को मारने और दफनाने का निर्देश
अधिकारियों के मुताबिक, इस फॉर्म के एक किलोमीटर के दायरे में स्थित एक अन्य फॉर्म के सुअरों को बुधवार को कार्रवाई बल की निगरानी में मारा जाना है। इस कार्रवाई बल में जिला पशुपालन विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। दरअसल, ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ के मामलों के सामने आने के मद्देनजर कन्नूर के जिलाधिकारी ने दोनों फॉर्म के 273 सुअरों को मारने और दफनाने का निर्देश दिया था।
300 से ज्यादा सुअरों की हो चुकी है हत्या
पशु चिकित्सकों गिरीश, प्रशांत, अमिता और रिंसी के नेतृत्व में सुअरों को मारने की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी की गई। एक आधिकारिक वक्तव्य के मुताबिक, संक्रमण के खतरे के मद्देनजर 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित सुअरों के फॉर्म पर निगरानी रखने के आदेश दिए गए हैं। वायनाड जिले में ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ को फैलने से रोकने के लिए एक सप्ताह पहले ही 300 से अधिक सुअरों को मारा गया था।
इसके बाद वायनाड और कन्नूर जिले से संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं। गौरतलब है कि केरल ने जुलाई में केंद्र के सतर्क करने के बाद जैव सुरक्षा उपायों को कड़ा कर दिया था। केंद्र ने बिहार और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ के मामले पाए जाने के मद्देनजर कई राज्यों को सतर्क किया था। खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ सुअरों में फैलने वाली एक अत्यधिक संक्रामक और घातक वायरल बीमारी है।
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