तिरुवनंतपुरम: अभी मार्च का महीना शुरु ही हुआ है कि केरल में आसमान से आग बरसने लगी है। कुछ ही महीनों पहले भारी बारिश का सामना कर चुका यह राज्य अब गर्मी के कहर को झेल रहा है। सूबे के कई इलाकों में हीट इंडेक्स 54 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है और लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) की गुरुवार को सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, केरल के कई इलाकों में गर्मी का खतरनाक रूप दिखाई देने लगा है।
क्या होता है हीट इंडेक्स?
हीट इंडेक्स तापमान और आर्द्रता के संयुक्त प्रभाव से प्राप्त होने वाले अनुभव का मापांकन करता है। यानी कि भले ही किसी जगह का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस हो, हीट इंडेक्स शरीर पर पड़ने वाले असर को 35 फीसदी तापमान या 45 फीसदी तापमान जितना असर दिखा सकता है। बता दें कि दुनिया के कई विकसित देश सार्वजनिक स्वास्थ्य चेतावनी जारी करने के लिए हीट इंडेक्स का इस्तेमाल करते हैं। केरल में हीट इंडेक्स ज्यादा है, इसलिए धूप में बाहर निकलने पर लोगों में थकान का अनुभव किया जा रहा है।
कुछ पहाड़ी जिलों में राहत
ऐसा नहीं है कि पूरा केरल ही भयंकर गर्मी से जूझ रहा है। इडुक्की और वायनाड के पहाड़ी जिलों के कुछ हिस्सों में हीट इंडेक्स 29 डिग्री सेल्सियस से नीचे है, ऐसे में लोगों को थोड़ी राहत है। अक्सर गर्मी का कहर देखने वाले जिले पलक्कड़ पर इस बार कुदरत थोड़ी मेहरबान लग रही है और इस जिले में अभी तक 30-40 डिग्री सेल्सियस का ही हीट इंडेक्स रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में कहा जा सकता है कि केरल में इस बार मौसम काफी पलटी मारता हुआ दिखाई दे रहा है।
IMD ने नहीं की टिप्पणी
KSDMA हीट इंडेक्स को तैयार करने के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD की स्वचालित मौसम मानचित्रण सुविधाओं का इस्तेमाल करता है। हालांकि, आईएमडी तिरुवनंतपुरम ने KSDMA की इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे बाहर जाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें और तेज गर्मी से बचने के लिए खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेट करें।
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