केरल ब्लास्ट मामले के पीछे आतंकी संगठनों का हाथ, जांच एजेंसियां तस्दीक में जुटीं
केरल बम धमाके में जांच एजेंसियों को शक हैं कि इन धमाकों के पीछे किसी न किसी बड़े आतंकी संगठनों का हाथ है। इसे लेकर आरोपी से एजेंसियां कड़ी पूछताछ में जुट गईं है।
केरल के कालामसेरी में ईसाई समुदाय के कार्यक्रम में रविवार को हुए धमाकों को जांच एजेंसियां का शक गहरा गया है। जांच एजेंसियों का मानना है कि सीरियल ब्लास्ट के पीछे आतंकी संगठनों का हाथ है। जानकारी दे दें कि डोमिनिक मार्टिन के बयान के बाद एजेंसियां इस मामले की गहनता से जांच में जुट गई है। हॉल में प्रार्थना शुरू होने के 5 मिनट के अंदर ही विस्फोट हो गए थे। बता दें कि इस विस्फोट के समय हॉल में 2,000 से अधिक लोग मौजूद थे। जिसमें करीब 52 लोग घायल हैं। इस हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए एक शख्स ने खुद को सेरेंडर भी किया है। इस हादस में 3 लोगों की मौत हो गई है।
12 साल की बच्ची ने तोड़ा दम
एर्नाकुलम जिले के मलयट्टूर की लिबिना 12 साल की बच्ची ने कलामासेरी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आज सोमवार तड़के मौत हो गई। अस्पताल ने जारी बयान में कहा कि बच्ची को रविवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उसके शरीर का 95 फीसदी हिस्सा गंभीर रूप से जल गया था। वेंटिलेटर सपोर्ट मिलने के बावजूद उसकी हालत बिगड़ती चली गई, जिससे देर रात 12.40 बजे उसकी मौत हो गई। कन्वेंशन सेंटर में हुए विस्फोट में यह तीसरी मौत है। इससे पहले रविवार को ही इस सभा में शामिल दो महिलाओं की जान चली गई थी।
जांच एजेंसियां कर रहीं पूछताछ
सेरेंडर करने वाले का नाम डोमिनिक मार्टिन है। जांच एजेंसियां डोमिनिक मार्टिन से पूछताछ में जुट गई हैं। हालांकि एजेंसियों को अभी तक की पूछताछ में मार्टिन ये नहीं बता पाया कि उसे ब्लास्ट में इस्तेमाल IED और विस्फोटक कहां से मिला था। इस सवाल का भी स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया कि IED से बम बनाना कहां से सीखा है। सवाल यहां धमाकों की टाइमिंग को लेकर भी है क्योंकि शुक्रवार को ही केरल में हमास के समर्थन में एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया था, जिसमें हमास के एक नेता खालिद मशाल ने लोगों को संबोधित किया था।
केरल में मौजूद है PFI का गढ़
जांच एजेंसियों को शक कि कन्वेंशन सेन्टर में इजराइल के समर्थन में पास हुए रेजोल्यूशन के चलते आतंकी संगठन ने इन सीरियल ब्लास्ट को अंजाम दिया। हालांकि ब्लास्ट में इस्तेमाल विस्फोटक के नमूनों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया। बता दें कि केरल में PFI का पूरा गढ़ मौजूद है, जो अपने संगठन पर बैन लगने के बाद से किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था, जांच एजेंसियां इसी एंगल से PFI कनेक्शन की भी तफ्तीश में जुटी हुईं हैं।
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