Kedarnath Dham Yatra: केदारनाथ में सामने आया मिस मैनेजमेंट, 12 हजार की लिमिट, पहुंच गए 22 हजार श्रद्धालु, चरमराई व्यवस्था
6 मई की सुबह 6.15 बजे केदारनाथ के कपाट खुले, तो श्रद्धालुओं का अपार हुजूम दिखाई दिया। कपाट खुलने से पहले ही गुरुवार रात तक धाम में तय लिमिट 12,000 यात्री से करीब दोगुने पहुंच चुके थे। इससे वहां की व्यवस्था चरमरा गई।
Kedarnath Dham Yatra: 6 मई की सुबह 6.15 बजे केदारनाथ के कपाट खुले, तो श्रद्धालुओं का अपार हुजूम दिखाई दिया। चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले उत्तराखंड सरकार ने चारों धामों में दर्शनार्थियों के लिए लिमिट तय की थी, लेकिन केदारनाथ में ऐसा कोई नियम लागू होता नहीं दिखा। शुक्रवार को कपाट खुलने से पहले ही गुरुवार रात तक धाम में तय लिमिट 12,000 यात्री से करीब दोगुने पहुंच चुके थे। इससे वहां की व्यवस्था चरमरा गई।
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक का 21 किलोमीटर का पैदल रास्ता पूरी तरह श्रद्धालुओं से पट गया है। होटलों में कमरे कम पड़ गए हैं। एक-एक कमरे का किराया 10 हजार रुपए से ऊपर पहुंच गया है। यहां तक की रात बिताने के लिए टैंट भी लोगों को नहीं मिल रहे हैं। लोगों को भारी ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है। खाने-पीने की भी भारी दिक्कत देखी जा रही है। साफ देखा जा सकता है कि केदारनाथ में शासन और प्रशासन का मिस मैनेजमेंट दिखाई दे रहा है।
गढ़वाल मंडल के कमिश्नर सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि केदारनाथ धाम में उन लोगों को ही दिक्कत हो रही है, जो बिना किसी तैयारी के यहां आ गए हैं। केदारनाथ जैसी विषम भौगौलिक परिस्थिति वाली जगह पर पहले से ही तैयारी करके आना जरूरी है। उन्होंने कहा कि और दबाव न बढ़े इसके लिए श्रद्धालुओं को रात में गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की यात्रा न करने की सलाह दी गई है। भारी भीड़ को देखते हुए वाहनों को सोनप्रयाग से आगे बढ़ने नहीं दिया जा रहा है। सोनप्रयाग से 5 किलोमीटर दूर आखिरी पड़ाव गौरीकुंड तक छोटी गाड़ियों से ही सफर करने की इजाजत है।
सीएम की 'नो लिमिट' वाली अपील के बाद जुटे हजारों श्रद्धालु
इतनी भीड़ का नतीजा यह है कि धाम और आसपास के क्षेत्रों में अफरातफरी मची हुई है और रहने की जगह व खाने की मुश्किलें पेश आ रही हैं। उत्तराखंड सरकार ने 29 अप्रैल को हर धाम के लिए डेली लिमिट तय की थी, लेकिन 3 मई को चार धाम यात्रा की शुरुआत के मौके पर गंगोत्री में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से कहा था, ‘ऐसी कोई लिमिट तय नहीं की गई, श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए आगे इस पर कोई फैसला होगा।’ मुख्यमंत्री के इस बयान का असर कहा जाए तो नज़ारा यह दिखा कि शुक्रवार सुबह 22 हजार से भी अधिक भक्त केदारनाथ धाम में नजर आए। ज़ाहिर है कि यह संख्या और बढ़ेगी।
अफरातफरी, अव्यवस्थाएं और ज़्यादा दाम
केदारनाथ धाम में करीब 10 हजार के आसपास ही लोगों के रुकने की ही व्यवस्था है और इसके अलावा, अस्थायी टेंट भी लगाए गए हैं। इसके बावजूद भीड़ का आलम यह है कि गौरीकुंड से गुरुवार को हज़ारों की तादाद में श्रद्धालु केदार धाम की तरफ बढ़े. खबरों की मानें तो इन्हें रास्ते में रोके जाने की नौबत तक आई, लेकिन गुरुवार रात तक ही 20,000 से ज्यादा लोग धाम पहुंच चुके थे
मंदिर समिति अध्यक्ष के क्या हैं बयान?
बाबा केदारनाथ धाम मे हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने पर बद्री-केदार मन्दिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि व्यवस्थाओं में जो भी कमी है, उसको अधिकारियों के साथ मिलकर दूर किया जाएगा।