Kartvyapath: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सेंट्रल विस्टा के राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के मार्ग ‘‘कर्तव्य पथ’’ का उद्धाटन और इंडिया गेट के पास स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया और इस अवसर को ‘‘ऐतिहासिक’’ और ‘‘अभूतपूर्व’’ करार दिया। उन्होंने पूर्ववर्ती ‘‘राजपथ’’ को गुलामी का प्रतीक बताया और कहा कि आज से यह इतिहास की बात हो गया है और हमेशा के लिए मिट गया है।
- कर्तव्य पथ का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुलामी का प्रतीक किंग्सवे या राजपथ अब इतिहास में समा गया है। पीएम ने कहा, ‘‘आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है। मैं सभी देशवासियों को आजादी के इस अमृतकाल में गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘कर्तव्य पथ’’ के उद्घाटन और नेताजी की प्रतिमा के अनावरण से आजादी के अमृत महोत्सव में देश को आज एक नई प्रेरणा और नई ऊर्जा मिली है। बजट पेश करने की तारीख से लेकर अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे सैकड़ों कानूनों को बदले जाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए देश की क्षेत्रीय भाषाओं को तरजीह दिए जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में एक के बाद एक ऐसे निर्णय लिए गए हैं, जिन पर नेताजी के आदर्शों और सपनों की छाप है।
- उन्होंने कहा, ‘‘आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर, आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं। आज जो हर तरफ ये नई आभा दिख रही है, वो नए भारत के आत्मविश्वास की आभा है।’’ इस दौरान पीएम ने कहा कि भारत यदि सुभाष चंद्र बोस के दिखाए रास्ते पर चला होता, तो नयी ऊंचाई पर पहुंच गया होता, लेकिन दुख की बात है कि उन्हें भुला दिया गया।
- प्रधानमंत्री ने नेताजी की प्रतिमा के अनावरण का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले वहां गुलामी के समय ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी लेकिन आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की प्रतिमा की स्थापना करके आधुनिक और सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अवसर ऐतिहासिक है, अभूतपूर्व है।’’ पीएम मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत के आदर्श अपने हैं, आयाम अपने हैं। आज भारत के संकल्प अपने हैं, लक्ष्य अपने हैं। आज हमारे पथ अपने हैं, प्रतीक अपने हैं।’’
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने कानूनों को निरस्त करने सहित कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि ये परिवर्तन केवल प्रतीकों तक सीमित नहीं है, बल्कि अब यह नीतियों का हिस्सा है। राजपथ ब्रिटिश राज के लिए था, जिसके भारतीय गुलाम थे। अब इसकी वास्तुकला के साथ-साथ भावना भी बदल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण में लगे श्रमिकों की सराहना करते हुए कहा कि उनको समर्पित विशेष गैलरी होगी।
- प्रधानमंत्री ने नेताजी को ऐसा ‘‘महामानव’’ बताया जो पद और संसाधनों की चुनौती से परे थे और जिनकी स्वीकार्यता ऐसी थी कि पूरा विश्व उन्हें नेता मानता था। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि ऐसे साहसी, स्वाभिमानी, दूरदृष्टि, विचार, नेतृत्व की क्षमता और नीतियों का ज्ञान रखने वाले नेताजी को आजादी के बाद भुला दिया गया और उनके विचारों को तथा उनसे जुड़े प्रतीकों तक को नजरअंदाज कर दिया गया।
Latest India News