कर्नाटक सरकार ने बीते दिन राज्य में निजी कंपनियों में समूह-सी और डी के पदों के लिए स्थानीय लोगों को 100% और उद्योग, कारखाना प्रबंधन श्रेणियों में 50 फीसदी और गैर प्रबंधन श्रेणियों में 70 फीसदी आरक्षण की बात कही थी। हालांकि, कंपनियों की ओर से जताई गई आपत्तियो के बाद इस फैसले को फिलहाल के लिए रोक दिया गया है। इस बीच आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के बेटे ने प्राइवेट कंपनियों को एक बड़ा ऑफर दे दिया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बीते दिन कर्नाटक राज्य उद्योग, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों के लिए रोजगार विधेयक, 2024 चर्चा में आया था। इस विधेयक के अनुसार, कर्नाटक में ग्रुप सी और डी की नौकरियों में स्थानीय लोगों को 100 फीसदी, मैनेजर या मैनेजमेंट लेवल के पदों पर 50 फीसदी और गैर मैनेजमेंट लेवल के पदों पर 75 फीसदी आरक्षण की बात कही गई थी।
लोकेश नारा ने दिया आंध्र प्रदेश आने का ऑफर
कर्नाटक में आरक्षण का विरोध कर रही कंपनियों को आंध्र प्रदेश सरकार के मंत्री लोकेश नारा ने बड़ा ऑफर दिया है। उन्होंने X पर लिखा- हम आपकी निराशा को समझते हैं। हम विशाखापत्तनम में हमारे आईटी, आईटी सेवाओं, एआई और डेटा सेंटर क्लस्टर में अपने बिजनेस का विस्तार करने या इसे ट्रांसफर करने के लिए आपका स्वागत करते हैं। हम आपको सरकार की ओर से बिना किसी प्रतिबंध के आपके आईटी इंटरप्राइज के लिए सबसे बेहतर श्रेणी की सुविधाएं, बिजली, बुनियादी ढांचा और सबसे बेहतर स्किल्ड टैलेंट प्रदान करेंगे। आंध्र प्रदेश आपके स्वागत के लिए तैयार है।
स्थगित हुआ विधेयक
जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक सरकार ने निजी कंपनियों में आरक्षण अनिवार्य करने वाले विधेयक को स्थगित कर दिया है। प्राइवेट सेक्टर में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने से जुड़े बिल को इस सेशन में टेबल नहीं किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो सरकार के अंदर ही इस बिल को लेकर भिन्न मत हो गया है।
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