Karnataka News: केरूर हिंसा में घायल हुए एक व्यक्ति की पत्नी ने कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को ओर से दिए गए राहत राशि के पैसों को उनकी गाड़ी पर ही वापस फेंक दिए। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया केरूर हिंसा में घायल हुए लोगों से मिलने अस्पताल पहुंचे थे। इसी दौरान घायलों में से एक व्यक्ति की पत्नी ने सिद्धारमैया की गाड़ी पर दी गई राहत राशि को फेंक दिया। बीजेपी नेताओं ने इस घटना को कांग्रेस पार्टी की तुष्टीकरण की राजनीति पर जनता का जवाब बताया है।
घायल व्यक्ति की पत्नी का फूटा गुस्सा
सिद्धारमैया की गाड़ी पर पैसे फेंकने वाली मोहम्मद हनीफ़ की पत्नी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम केवल न्याय चाहते हैं, कोई मुआवजा या सहानुभूति नहीं। महिला ने कहा कि मेरे साथ जो कुछ भी हुआ वह किसी और के साथ नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं सिद्धारमैया या वोट मांगने आने वाले किसी भी नेता से हर दिन राहत की भीख नहीं मांग सकती।
महिला ने आगे कहा कि हिंसा में घायल होने के बाद मेरे पति को कम से कम एक साल का बेड रेस्ट लेना होगा। अब मेरे परिवार की देखभाल कौन करेगा? महिला ने कहा कि मैं केवल न्याय मांग रही हूं, मुझे न्याय चाहिए, मुआवजा या सहानुभूति नहीं।
हिंसा में घायलों से मिलने गए थे सिद्धारमैया
बता दें कि कांग्रेस नेता सिद्धारमैया केरूर में हुई हिंसक झड़प में घायल लोगों से मिलने अस्पताल गए थे। अल्पसंख्यक समुदाय के घायलों को कस्बे के अशीरवाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सिद्धारमैया ने चारों घायलों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया, लेकिन पीड़ितों और उनके परिजनों ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और उनसे शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने में मदद करने का आग्रह किया।
केरूर में 10 दिन पहले हुई थी हिंसा
गौरतलब है कि 6 जुलाई को हिंदू जागरण वेदिक के एक सदस्य को चाकू मारने की घटना सामने आई थी। इसके बाद केरूर शहर में हिंसक झड़प देखने को मिली थी। छेड़खानी का विरोध करने पर अरुण कट्टिमणि को चाकू मार दिया गया था। उसके दो दोस्तों पर भी बदमाशों ने हमला कर दिया था। इससे समूहों के बीच झड़प हो गई और घटना में मुस्लिम समुदाय के पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने घटना के संबंध में 18 लोगों को गिरफ्तार किया है और 15 अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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