Karnataka News: कर्नाटक हाई कोर्ट ने दो महीने की अपनी बेटी की हत्या के जुर्म में आंध्र प्रदेश की एक महिला को उम्रकैद सुनाने के सत्र अदालत के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने महिला जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। तुमकुरु जिले के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश मधुगिरी ने 22 जुलाई, 2017 को आंध्र प्रदेश के श्री सत्यसाई जिले के मदकासिरा की कविता को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
कविता और उसके पति मंजूनाथ कर्नाटक के कोराटागेरे, तुमकुरु के एक अस्पताल में सांस की समस्या और मिर्गी से पीड़ित अपनी बच्ची का इलाज कराने आए थे। कविता अपनी बच्ची को दूध भी नहीं पिला पा रही थी। मंजूनाथ ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की कि कविता ने 24 अगस्त, 2016 को शहर के बाहरी इलाके में स्वर्णमुखी नदी में बच्ची को फेंक दिया था।
2017 में निचली अदालत ने महिला को दोषी ठहराया
जांच और मुकदमे के बाद 2017 में निचली अदालत ने महिला को दोषी ठहराया। हालांकि, इस महीने की शुरुआत में हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति के सोमशेखर और न्यायमूर्ति शिवशंकर अमरन्नावर की पीठ ने महिला की अपील को स्वीकार करते हुए उसकी दोषसिद्धि को खारिज कर दिया और उसे बरी कर दिया। पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष के सबूतों से साबित होना चाहिए कि आरोपी ने बच्ची की हत्या की थी, लेकिन आरोपी की दोषसिद्धि सुनिश्चित करने के लिए अभियोजन की ओर से कोई ठोस साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया।
किशोरी से बलात्कार मामले में 20 साल की सजा
वहीं, कर्नाटक के उडुपी की, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) संबंधी मामलों की एक विशेष त्वरित अदालत ने 55 साल के एक शख्स को एक किशोरी के साथ बलात्कार करने के जुर्म में 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। पोक्सो फास्ट ट्रैक अदालत की न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्रीनिवास स्वर्णा ने हावेरी के निवासी हनुमंत पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने सजा का ऐलान सोमवार को किया।
शख्स हनुमंत एक फार्महाउस में काम करता था, जहां पीड़ित अपनी मां के साथ रहती थी। हनुमंत ने जनवरी 2021 में किशोरी से बलात्कार किया, तब वह घर पर अकेली थी। मां के आने पर उसने आपबीती बताई, जिसने कुंदापुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। दोषी को जुर्माना न देने की स्थिति में एक साल की सजा और काटनी होगी।
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