Karanatka News: कर्नाटक में दशहरे पर जुलूस मार्ग को लेकर दो गुटों में झड़प हो गई है। ये झड़प रास्ते को लेकर दलितों और सवर्ण सदस्यों के बीच हुई है, जिसके बाद एक-दूसरे के खिलाफ 20 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर मामला करवाया दर्ज
पुलिस के अनुसार, दलितों द्वारा 9 मामले दर्ज किए गए हैं, और उच्च जाति के लोगों द्वारा दलितों के खिलाफ हत्या के प्रयास के 11 मामले दर्ज किए गए हैं। यह घटना बुधवार को दशहरा उत्सव के दिन हुई। पुलिस ने बताया कि ग्रामीणों ने गंगम्मा देवी और कटेरम्मा देवी का जुलूस निकाला था। गांव में जुलूस के रूट मैप को अंतिम रूप देने पर चर्चा करने के लिए गांव के बुजुर्ग एकत्र हुए थे। दलित युवकों ने विरोध किया था कि जुलूस के दौरान दलितों की उपेक्षा की जा रही थी। वहीं, उच्च जाति समूह के लोगों ने कहा कि जुलूस ठीक उसी तरह से किया जाना चाहिए, जैसे वर्षों से चला आ रहा है।
एक-दूसरे पर ईंटों, पत्थरों और लाठियों से हमला
इस बात को लेकर बहस छिड़ गई और दो गुटों ने एक-दूसरे पर ईंटों, पत्थरों और लाठियों से हमला कर दिया। पुलिस को मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करना पड़ा। बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप कर जुलूस में बदलाव किया। जिला प्रशासन ने गांव में ऊंची जाति के लोगों और दलितों के बीच शांति बैठक की। फिर ग्रामीण सभी गलियों में जुलूस निकालने के लिए सहमत हुए।
मदरसे में घुसी भीड़
वहीं दूसरी घटना भी कर्नाटक से ही है। बीदर जिले में दशहरा रैली में भाग ले रहे कुछ लोग एक ऐतिहासिक मदरसे में घुस गए। यहां पर इन लोगों ने जमकर नारेबाजी की और मदरसे में पूजा भी की। स्थानीय पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इसे लेकर मुस्लिम समुदायों का कहना है कि अगर शुक्रवार तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।
आरोप है कि कथित तौर पर भीड़ ने मदरसे में तोड़फोड़ और नारेबाजी की है, इसके आलावा ही मदरसे के एक कोने में पूजा भी की। इधर, इस मामले को लेकर मुस्लिम संगठनों ने शुक्रवार तक गिरफ्तारी नहीं होने पर विरोध-प्रदर्शन की बात कही है। इस पूरी घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है।
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