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Karnataka Hijab Controversy: हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई, DU में भी हुआ विरोध-प्रदर्शन

कर्नाटक में स्कूल कॉलेज में हिजाब पहनकर प्रवेश करने को लेकर नई बहस छिड़ गई है। मंगलवार को हाईकोर्ट में इसको लेकर सुनवाई हुई और अब बुधवार को भी इस पर कोर्ट दोनों पक्ष सुनेगा।

कर्नाटक के शिवमोगा में प्रदर्शन करते छात्र- India TV Hindi Image Source : PTI कर्नाटक के शिवमोगा में प्रदर्शन करते छात्र

Highlights

  • कर्नाटक में हिजाब पहनकर स्कूल कॉलेज में प्रवेश को लेकर नया विवाद
  • बुधवार को कर्नाटक हाईकोर्ट एक बार फिर इस मामले पर सुनवाई करेगा
  • मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने स्कूलों और कॉलेजों को 3 दिन के लिए बंद कर दिया

बेंगलुरु: कर्नाटक में स्कूल कॉलेज में हिजाब पहनकर प्रवेश करने को लेकर नई बहस छिड़ गई है। हाईकोर्ट में इसको लेकर मंगलवार को सुनवाई भी हुई। कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते हिजाब विवाद के बीच मंगलवार को विद्यार्थियों और आम लोगों से शांति एवं सौहार्द बनाए रखने की अपील की। कर्नाटक में ह‍िजाब को लेकर बढ़ते बवाल को देखते हुए मुख्‍यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्‍य में हाई स्‍कूलों और कॉलेजों को अगले 3 दिनों तक बंद रखने का आदेश दिया है। 

अब इस पर आज यानी बुधवार को एक बार फिर सुनवाई होगी। करीब ढाई बजे कोर्ट इस पर सुनवाई कर सकता है। तटीय शहर उडुपी में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी महिला कॉलेज में पढ़ने वाली कुछ छात्राओं की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के बाद मंगलावर को कोर्ट ने कहा कि इस पर अब बुधवार को आगे सुनवाई होगी।

दिल्ली यूनिवर्सिटी तक पहुंचा विवाद-

दूसरी तरफ, ये विवाद बढ़ता-बढ़ता दिल्ली तक पहुंच गया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में एक छात्र संगठन ने कर्नाटक में उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में हिजाब प्रतिबंधों के खिलाफ मंगलवार को प्रदर्शन किया। 

‘मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन’ ने दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर (नॉर्थ कैंपस) में कला संकाय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में 50 छात्र शामिल हुए, जिनमें हिजाब पहनकर महिलाओं ने भी प्रदर्शन किया। 

मंगलवार को हुई सुनवाई-

उडुपी, शिवमोगा, बागलकोट समेत कर्नाटक के अन्य हिस्सों में कुछ शैक्षणिक संस्थानों में मंगलवार को हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शनों के बाद तनाव व्याप्त हो गया था, जिसके कारण पुलिस तथा प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा।

याचिकाकर्ताओं ने अदालत से यह घोषित करने का अनुरोध किया था कि कॉलेज परिसर में इस्लामिक प्रथा के तहत हिजाब पहनने सहित जरूरी धार्मिक प्रथाओं को अपनाना उनका मौलिक अधिकार है। न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित की एकल पीठ ने कहा, ‘यह अदालत विद्यार्थियों और आम लोगों से शांति और सौहार्द बनाये रखने का अनुरोध करती है। इस अदालत को समग्र जनता की बुद्धिमता और सदाचार पर पूरा भरोसा है और उम्मीद करती है कि इसे व्यवहार में भी अपनाया जाएगा।’

न्यायमूर्ति दीक्षित ने लोगों को भारतीय संविधान में भरोसा रखने की सीख देते हुए कहा कि कुछ शरारती तत्व ही इस मामले को तूल दे रहे हैं। न्यायमूर्ति दीक्षित ने आगे कहा कि आंदोलन, नारेबाजी और विद्यार्थियों का एक दूसरे पर हमला करना अच्छी बात नहीं है। 

इससे पहले, कर्नाटक सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवादगी ने अदालत से राज्य में विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाने के संबंध में अंतरिम आदेश जारी करने का अनुरोध किया था। हिजाब की अनुमति देने की मांग कर रही याचिकाकर्ता-छात्राओं की ओर से पेश वकील देवदत्त कामत ने भी महाधिवक्ता नवादगी के अनुरोध से सहमति जताई। 

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