केरल सरकार के प्रस्ताव को CM बोम्मई ने ठुकराया, कहा- सभी रेल परियोजनाएं हुईं खारिज
Karnataka: बोम्मई ने केरल के सभी प्रमुख बुनियादी ढांचे से संबंधित प्रस्तावों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों और वन्यजीव अभयारण्यों को नुकसान पहुंचाएगा।
Karnataka: केरल और कर्नाटक सरकार के बीच विभिन्न परियोजनाओं को लेकर हुई द्विपक्षीय वार्ता बेनतीजा रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए केरल के अपने समकक्ष पिनरायी विजयन के प्रस्तावों को ठुकरा दिया। बोम्मई ने केरल के सभी प्रमुख बुनियादी ढांचे से संबंधित प्रस्तावों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों और वन्यजीव अभयारण्यों को नुकसान पहुंचाएगा।
केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने रविवार सुबह बेंगलुरु में कर्नाटक के अपने समकक्ष बसवराज बोम्मई से मुलाकात की और सीमा क्षेत्र के विकास समेत विभिन्न परियोजनाओं और आपसी हित के कई मुद्दों पर चर्चा की, जैसा कि दक्षिण क्षेत्रीय परिषद की बैठक में तय किया गया था। विजयन और बोम्मई ने जिन परियोजनाओं पर चर्चा की, उनमें कन्हानगड-पनाथुर-कनियूर रेलवे लाइन परियोजना, थलास्सेरी-मैसुरु रेलवे लाइन, बांदीपुरा राष्ट्रीय उद्यान से गुजरने वाली भूमिगत सुरंग और पर्यावरण संबंधी इस संवेदनशील क्षेत्र में रात में बस सेवाओं को बढ़ाने का प्रस्ताव शामिल था।
यह परियोजना कर्नाटक के लिए बहुत फायदेमंद नहीं है- बोम्मई
बोम्मई ने इस बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केरल सरकार ने कन्हानगड-पनाथुर-कनियूर रेलवे लाइन परियोजना और अन्य राजमार्ग परियोजनाओं सहित अपनी विभिन्न रेलवे परियोजनाओं के लिए सहयोग मांगा। प्रस्तावित कन्हानगड-पनाथुर-कनियूर रेलवे लाइन परियोजना का केरल में 40 किलोमीटर और कर्नाटक में 31 किलोमीटर का मार्ग है। बोम्मई ने कहा, "हालांकि, यह परियोजना कर्नाटक के लिए बहुत फायदेमंद नहीं है। इसके अलावा यह पश्चिमी घाट के समृद्ध जैव-विविधता और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों से गुजरेगी। इसलिए केरल के मुख्यमंत्री को स्पष्ट रूप से बताया गया कि इस परियोजना के लिए सहयोग देना कर्नाटक राज्य के लिए संभव नहीं था।"
उन्होंने कहा, "रेलवे ने कहा था कि अगर दोनों राज्य इस पर सहमत होते हैं, तो वह इस परियोजना की समीक्षा करेगा। हमने इसे खारिज कर दिया, क्योंकि इस रेलवे लाइन से कर्नाटक को कोई फायदा नहीं होगा।" एक अन्य रेलवे परियोजना जिसे कर्नाटक ने खारिज कर दिया वह थालास्सेरी-मैसूर रेलवे लाइन थी। बोम्मई ने कहा कि विजयन ने टेलिचेरी-मैसूर रेल लाइन मार्ग की पुरानी परियोजना पर चर्चा की और उन्हें बताया गया कि अनुमति देना संभव नहीं है, क्योंकि प्रस्तावित रेल मार्ग बांदीपुर-नगरहोल राष्ट्रीय उद्यानों से होकर गुजरेगा और इससे वनस्पतियों और जीवों को बहुत नुकसान होगा।
भूमिगत रेल मार्ग के निर्माण का प्रस्ताव भी अस्वीकार कर दिया गया
केरल के मुख्यमंत्री ने एक भूमिगत रेल मार्ग के निर्माण का प्रस्ताव रखा और इसे भी स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया, क्योंकि यह निर्माण गतिविधियों के दौरान पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगा। बोम्मई ने बताया कि विजयन को सूचित किया गया था कि वर्तमान में बांदीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से रात के दौरान दो बसें संचालित होती हैं, लेकिन उन्होंने चार बसों को अनुमति देने की अनुमति मांगी और उस प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया। बोम्मई ने कहा कि विजयन ने उन्हें यह भी बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने राष्ट्रीय राजमार्ग-73 से होकर गुजरने वाले एक नए संरेखण का प्रस्ताव दिया है।
विजयन ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया कि यह नया संरेखण पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों से नहीं गुजरेगा। बाद में केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, दोनों राज्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) से राष्ट्रीय राजमार्ग 766 के विकल्प के तौर पर मैसुरु मलप्पुरम आर्थिक गलियारा परियोजना के थोलपेट्टी से पुराकात्तिरि और सुल्तान बथेरी से मलप्पुरम तक मार्ग चालू करने का संयुक्त रूप से अनुरोध करेंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग-766 बाघ अभयारण्य से गुजरता है, जहां रात के समय यात्रा पर पाबंदी है। उसने यह भी कहा कि बोम्मई प्रस्तावित कन्हानगड-पनाथुर-कनियूर रेलवे लाइन परियोजना पर गौर करने के लिए भी राजी हो गए, जो उत्तर केरल को दक्षिणी कर्नाटक से जोड़ेगी। साथ ही वह इसके लिए आवश्यक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने पर गंभीरतपूर्वक विचार करने भी सहमत हो गए।