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Hindi News भारत राष्ट्रीय Kapil Sibal: सिब्बल का न्यायपालिका को लेकर बड़ा बयान, जानें राज्यसभा सांसद ने क्या कहा

Kapil Sibal: सिब्बल का न्यायपालिका को लेकर बड़ा बयान, जानें राज्यसभा सांसद ने क्या कहा

Kapil Sibal: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने न्यायपालिका की वर्तमान स्थिति पर अपनी चिंता जाहिर की है। इस दौरान उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ BJP पर भी खूब निशाना साधा।

Rajya Sabha MP Kapil Sibal(File Photo)- India TV Hindi Image Source : PTI Rajya Sabha MP Kapil Sibal(File Photo)

Highlights

  • न्यायपालिका के कुछ सदस्यों ने हमें निराश किया है: कपिल सिब्बल
  • "हाल फिलहाल में जो कुछ हुआ है उससे ‘‘मेरा सिर शर्म से झुक जाता है"
  • "मौजूदा सरकार केवल ‘‘कांग्रेस मुक्त भारत’’ नहीं बल्कि ‘‘विपक्ष मुक्त भारत’’ चाहती"

Kapil Sibal: राज्यसभा के सदस्य और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने न्यायपालिका की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने  रविवार को कहा कि संस्था के कुछ सदस्यों ने ‘‘हमें निराश किया है’’ और हाल फिलहाल में जो कुछ हुआ है उससे ‘‘मेरा सिर शर्म से झुक जाता है।’’ सिब्बल ने एक इंटरव्यू में कहा कि हाल के सालों में अभिव्यक्ति की आजादी और उच्चतम न्यायालय ने जिस प्रकार इसकी व्याख्या की है। उसे दुर्भाग्य से वह जगह नहीं मिली है, जो इसके लिए संवैधानिक रूप से अनुमत है। उन्होंने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा।

"कानून के शासन का दैनिक आधार पर उल्लंघन किया जा रहा"

सिब्बल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संस्थानों का ‘‘गला घोंटकर असल में इमरजेंसी’’ को लागू कर दिया गया है । कानून के शासन का दैनिक आधार पर उल्लंघन किया जा रहा है। सिब्बल ने कहा कि मौजूदा सरकार केवल ‘‘कांग्रेस मुक्त भारत’’ नहीं बल्कि ‘‘विपक्ष मुक्त भारत’’ चाहती है। ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि इससे अधिक चिंताजनक मुद्दा यह है कि न्यायपालिका के कुछ सदस्यों ने हमें निराश किया है। उन्होंने कहा कि मैं जिस संस्था का इतने लंबे अरसे से हिस्सा हूं, उसके कुछ सदस्यों ने हमें निराश किया है।

 

"न्यायपालिका कानून के शासन के उल्लंघन की इजाजत क्यों देती है"

सिब्बल ने ब्रिटेन से फोन पर दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘मैं जिस संस्था (न्यायपालिका) का 50 साल से हिस्सा हूं, उसके कुछ सदस्यों ने हमें निराश किया है। जो हुआ है, उससे मेरा सिर शर्म से झुक गया है। न्यायपालिका जब कानून के शासन के सामने हो रहे उल्लंघन को लेकर आंखें मूंद लेती है तो इससे हैरानी होती है। हैरानी होती है कि कानून के शासन की रक्षा के लिए बनाई गई संस्था खुली आंखों से कानून के शासन के उल्लंघन की इजाजत क्यों देती है।’’ आपको बता दें कि ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक जुबैर की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की एक अदालत में उनकी जमानत मंजूर नहीं हुई थी। इसको लेकर सिब्बल ने कहा कि चार साल पहले किए ऐसे ट्वीट के लिए व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाना ‘‘समझ से परे है’’ जिसका कोई साम्प्रदायिक प्रभाव नहीं हुआ।

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