Kanwar Yatra: धर्मनगरी हरिद्वार में लालपुल के पास रेलवे ट्रैक से कांवड़ियों के गुजरने का वीडियो वायरल होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही ज्वालापुर कोतवाल व रेल चौकी के प्रभारी मौके पर पहुंचे और सिंह द्वार से गुरुकुल महाविद्यालय की तरफ जा रहे पटरी के गेट को बंद कराया।
दूसरे ट्रैक पर गुजर रही थी ट्रेन
बता दें कि जिस वक्त कांवड़िए ट्रैक से गुजर रहे थे, उस दौरान दूसरे ट्रैक पर ट्रेन गुजर रही थी। ऐसे में यदि कोई घटना कांवड़ियों के साथ घट जाती तो बड़ा मामला हो सकता था। लेकिन हरिद्वार पुलिस के अधिकारियों ने तुंरत ही इस घटना को संज्ञान में लिया। श्रावण मास के पहले दिन हरकी पैड़ी से कांवड़ियां कांवड़ में गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों की तरफ रवाना हो रहे थे। प्रशासन द्वारा निर्धारित रूट से होते हुए कांवड़ियां सिंह द्वार से आर्यनगर होते हुए लालपुल की तरफ जा रहे थे।
कांवड़ियों के रेलवे ट्रैक पर जाने की बनाई वीडियो, पुलिस को भेजी
इस दौरान कांवड़ियों का एक जत्था सिंह द्वार से सीधे ही नहर पटरी पर गुरुकुल महाविद्यालय से होते हुए रेलवे ट्रैक पार कर हाईवे की तरफ जा चला गया। कांवड़ियों के रेलवे ट्रैक पर जाने की वीडियो बनाकर किसी ने पुलिस अधिकारियों को भेज दी। जिसमें दिख रहा है कि एक ट्रैक पर रेल पथरी की तरफ जा रही है। जिसके बाद पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया।
पुलिस ने पटरी को कराया बंद
वहीं पथरी की तरफ से ज्वालापुर आने वाले ट्रैक पर कांवड़िए जा रहे हैं। वीडियो अधिकारियों के संज्ञान में पहुंचते ही एसएसपी डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत ने ज्वालापुर कोतवाल आरके सकलानी व रेल चौकी प्रभारी प्रवीन रावत को मौके पर भेजा। इसके बाद दोनों ने मौके पर पहुंचकर सिंह द्वार पटरी को बंद कराया। एसएसपी डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कांवड़ियों के रेलवे ट्रैक पर चलने की सूचना मिली थी। जिसके बाद सिंह द्वार से पटरी को बंद करा दिया गया।
कांवड़ियों का बड़ी संख्या में हरिद्वार पहुंचने का सिलसिला शुरू
सावन माह के पहले दिन गुरुवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कांवड़ यात्रा शुरू हो गई और इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से कांवड़ियों का बड़ी संख्या में गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। कोविड महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद हो रही इस कांवड़ यात्रा में हालांकि कोई कोविड प्रतिबंध नहीं लागू किया गया है और अधिकारियों को उम्मीद है कि 26 जुलाई तक चलने वाली यात्रा के दौरान कम से कम 4 करोड़ शिवभक्त गंगाजल लेने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में पहुंचेंगे।
Latest India News