Kanwar Yatra 2022: कोरोना संक्रमण के चलते 2 साल बाद होने जा रही कांवड़ यात्रा में इस बार चार करोड़ से ज्यादा कांवड़ियों के आने की संभावना है। यात्रा की तैयारी के लिए सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक में सात राज्यों के आला अधिकारियों ने भाग लिया और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर चर्चा की। तय किया गया कि कांवड़ मेला क्षेत्र को 133 सेक्टरों में बांटा जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था में तकरीबन 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, रेलवे सुरक्षा बल, आईबी के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष और ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा 14 से 26 जुलाई तक चलेगी।
कोरोनाकाल के बाद यह पहली कांवड़ यात्रा है। वर्ष 2018 में दो करोड़ से ज्यादा कांवड़िए आए थे। 2019 में यह संख्या तीन करोड़ को पार कर गई थी। उन्होंने कहा कि इस बार दो साल के अंतराल पर यात्रा हो रही है तो कांवड़ियों की संख्या चार करोड़ को पार कर सकती है।
10 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी
डीजीपी ने सभी राज्यों से इसकी तैयारियों में अभी से जुटने को कहा। कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में बांटा जाएगा। इसके लिए 10 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। यात्रा की सुरक्षा के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाई जाएगी। कांवड़ यात्रा में सोशल मीडिया के माध्यम से शांति व्यवस्था की अपील भी की जाएगी। इसके लिए उन्होंने कांवड़ यात्रा मार्ग पर समुचित ढंग से प्रचार-प्रसार करने को भी कहा।
लाठी-डंडे, भाले और अन्य हथियार प्रतिबंधित
हरिद्वार के पुलिस कप्तान डीआईजी डॉ. योगेंद्र रावत ने कहा कि हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ मेले की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है। कांवड़ मेले में यातायात प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, यात्रा रूट पर पुलिस प्रबंध आदि व्यवस्थाओं को देखा जा रहा है। यात्रा के दौरान लाठी-डंडे, नुकीले भाले और अन्य हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। सभी थाना पुलिस और अधिकारियों को एक व्हॉट्सएप ग्रुप बनाने के लिए भी कहा गया है।
नई सड़कों से बदल जाएगा यातायात प्रबंधन
मेरठ जोन के एडीजी कानून व्यवस्था राजीव सभरवाल ने कहा कि वर्ष 2019 के बाद बहुत सी सड़कें बनी हैं। इनमें ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे का निर्माण हुआ है। इससे भीड़ व यातायात प्रबंधन में बदलाव आएगा। इन सभी जगहों पर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। यात्रा रूट पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम की भी व्यवस्था की जाएगी। साथ ही सभी जिलों में संदिग्धों के सत्यापन के निर्देश भी दिए गए हैं।
बंद रहेंगी मीट और शराब की दुकानें
उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि यात्रा मार्ग पर मीट और शराब की दुकानें बंद रहेंगी। इसके लिए पहले ही व्यवस्था को सुनिश्चित कर लिया जाए ताकि शांति व्यवस्था कायम रखी जा सके। उन्होंने कहा कि कांवड़िए आस्था के वशीभूत रहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि उनके साथ सौम्य व्यवहार किया जाए।
बाईं ओर चलेंगे कांवड़िए
हरिद्वार से दिल्ली/मेरठ वापस जाने के लिए कांवड़ियों को सड़क के बाईं ओर चलना होगा। इसके साथ ही जो शिविर और भंडारे आदि लगेंगे, वे सड़क किनारे से 15 फीट दूर रहेंगे। कहा गया कि इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस और स्थानीय प्रशासन इनकी अनुमति दे।
इन पर भी हुई चर्चा
- कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को परिचय पत्र साथ रखने, सात फीट से ऊंची कांवड़ न बनाने, रेल की छतों पर यात्रा न करने के लिए प्रचार-प्रसार कर जागरूक किया जाएगा। मादक पदार्थों के सेवन न करने के संबंध में कांवड़ियों को जागरूक किया जाए।
- जिस जगह से कांवड़िए आ रहे हैं, वहां की थाना पुलिस सारी जानकारी हासिल कर ली जाए। इनमें गाड़ी नंबर, जत्थे में शामिल लोगों की संख्या, मोबाइल नंबर आदि शामिल रहेगी।
- अंतर्राज्यीय बैरियर/चेक पोस्ट चिड़ियापुर बैरियर, नारसन चेक पोस्ट, लखनौता चेक पोस्ट, काली नदी बैरियर और गोवर्धन चेक पोस्ट पर संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की चेकिंग की जाएगी।
- बेहतर समन्वय के लिए कांवड़ यात्रा के लिए नियुक्त उत्तरप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल के नोडल अधिकारी हरिद्वार स्थित कंट्रोल रूम में बैठेंगे।
- पूरे कांवड़ यात्रा मार्ग पर मेडिकल कैंप और एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।
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