Kanwar Yatra 2022: इसी महीने 14 जुलाई से सावन का महीने शुरू हो रहा है। इसके साथ ही कांवड़ यात्रा(Kanwar Yatra) की भी शुरुआत हो जाएगी। हरिद्वार में शुरू हो रहे कांवड़ मेला-2022 में प्रदेश में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड पुलिस द्वारा पंजीकरण के लिए मुख्यालय, डीजीपी उत्तराखंड-पोर्टल खोला गया है। डीजीपी अशोक कुमार ने सभी भक्तों से अनुरोध किया है कि 2022 में कांवड़ मेला में प्रवेश के बाद ही दर्शन करें। कोरोना (Corona) की वजह से पिछले दो सालों से कांवड़ यात्रा नहीं पाई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार बड़े स्तर पर कांवड़ यात्रा होगी और कांवड़ियों की संख्या ज्यादा हो सकती है। इसलिए इस साल प्रशासन की तरफ से खास तैयारी की गई है।
सुरक्षा में 10 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती
यात्रा की तैयारी को लेकर बीते महीने पुलिस मुख्यालय में आयोजित अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक में सात राज्यों के आला अधिकारियों ने भाग लिया और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर चर्चा की। तय किया गया कि कांवड़ मेला क्षेत्र को 133 सेक्टरों में बांटा जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था में तकरीबन 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, रेलवे सुरक्षा बल, आईबी के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष और ऑनलाइन माध्यम से हिस्सा लिया। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार भी मौजूद रहे। डीजीपी ने कहा, ''कोरोनाकाल के बाद यह पहली कांवड़ यात्रा है। वर्ष 2018 में दो करोड़ से ज्यादा कांवड़िए आए थे। 2019 में यह संख्या तीन करोड़ को पार कर गई थी। उन्होंने कहा कि इस बार दो साल के अंतराल पर यात्रा हो रही है तो कांवड़ियों की संख्या चार करोड़ को पार कर सकती है।
नुकीले भाले और अन्य हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित
हरिद्वार के पुलिस कप्तान डीआईजी डॉ. योगेंद्र रावत ने कहा था कि हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ मेले की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है। कांवड़ मेले में यातायात प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, यात्रा रूट पर पुलिस प्रबंध आदि व्यवस्थाओं को देखा जा रहा है। यात्रा के दौरान लाठी-डंडे, नुकीले भाले और अन्य हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। सभी थाना पुलिस और अधिकारियों को एक व्हॉट्सएप ग्रुप बनाने के लिए भी निर्देश जारी किया गया था।
संदिग्धों के सत्यापन के निर्देश
मेरठ जोन के एडीजी कानून व्यवस्था राजीव सभरवाल ने कहा कि वर्ष 2019 के बाद बहुत सी सड़कें बनी हैं। इनमें ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे का निर्माण हुआ है। इससे भीड़ व यातायात प्रबंधन में बदलाव आएगा। इन सभी जगहों पर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। यात्रा रूट पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम की भी व्यवस्था की जाएगी। साथ ही सभी जिलों में संदिग्धों के सत्यापन के निर्देश भी दिए गए हैं।
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