उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए तैयारियां पूरी कर ली है। सीएम योगी आदित्यनाथ खुद तैयारियों को लेकर लगातार दिशानिर्देश दे रहे हैं। इस बीच मुजफ्फरनगर में दुकानदारों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी पहचान के साथ दुकानदारी करें। यानी दुकानदारों को दुकान पर अपने नाम का बोर्ड लगाना होगा। इसे लेकर असदुद्दीन ओवैसी और महुआ मोइत्रा पहले ही बयान दे चुके हैं। एसएसपी, मुजफ्फरनगर ने कहा कि यात्रा के दौरान किसी विवाद से बचने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस बीच अब अखिलेश यादव और मुस्लिम धर्मगुरू की तरफ से भी बयान आया है।
अखिलेश यादव ने दिया बयान
दरअसल मुजफ्फरनगर में दुकानदारों को साफ हिदायत दी गई है कि वे फर्जी नामों का इस्तेमाल न करें। यानि जो मुस्लिम दुकानदार हैं उन्हें अपनी दुकान पर नाम का बोर्ड लगाने को कहा गया है। मुजफ्फरनगर में कावड़ यात्रा के रूट पर आने वाले बहुत से दुकानदारों ने अपने दुकानों के बाहर नाम लगाना भी शुरू कर दिया है। किसी तरह का आरोप प्रत्यारोप का दौर न शुरू हो, इसे लेकर यह आदेश जारी किया गया है। इसपर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बयान देते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।"
मौलाना बोले- समाज को बांटने का विरोध करते हैं
वहीं मौलाना कारी जाकिर ने इस फैसले को लेकर कहा कि यह न देश के लिए अच्छा है और न समाज के लिए अच्छा है। कांवड़ के मौके पर हजारों मुस्लिम समाज के लोग स्वागत करते हैं, व्यवस्थाएं बनाते हैं। अब वे क्या करेंगे। अपनी पहचान कैसे जाहिर करेंगे। क्या अब उन्हें अपनी पहचान जाहिर करनी होगी। देश में किन-किन चीजों को बाटेंगे और किन-किन चीजों का नामकरण करेंगे। धर्म के नाम पर देश के बांटना और समाज के बीच दूरी पैदा करना देश और समाज के लिए हानिकारक है। हम इसका विरोध करते हैं।
हिंदू पक्ष ने कही ये बात
इस मामले पर हिंदू पक्ष का कहना है कि आरोप है कि कुछ मुस्लिम पहचान छिपाकर कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकान चलाते हैं। दुकान का नाम हिंदू देवी-देवताओं पर रखते हैं। नाम की वजह से कांवड़ियों को गलतफहमी होती है। कांवड़िए किसी भी होटल या ढाबे या ठेले पर खाना खा लेते हैं। लेकिन अब जब दुकानों पर नाम लिखा रहेगा तो कंफ्यूजन नहीं होगा। विवाद भी नहीं होगा। बता दें कि प्रशासन के आदेश के बाद दुकानों, ठेलों और होटलों के बाहर बड़े शब्दों में नाम लिखना शुरू किया जा चुका है।
Latest India News