जोशीमठ में हालात हर गुजरते दिन के साथ बिगड़ते जा रहे हैं। ज़मीन में आई दरारें लगातार चौड़ी हो रही हैं। प्रशासन उन घरों को खाली करा रहा है जिनमें दरारें आई हैं, जो अब रहने लायक नहीं बचे हैं। लोगों को राहत कैंप में शिफ्ट किया जा रहा है। जोशीमठ में प्रशासन की अलग-अलग टीमें लोगों तक मदद पहुंचा रही है। वहीं आज एक बार फिर होटल मलारी इन और माउंट व्यू को तोड़ने का काम शुरू होगा।
अलर्ट मोड में पीएम मोदी और सीएम धामी
बता दें कि कल एसडीआरएफ और नगर पालिका के कर्मचारियों ने होटल की छत से सामान उतारा था। वहीं आज उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक होनी हैं जिसमें जोशीमठ के ताजा हालात पर चर्चा होगी। केंद्र सरकार भी जोशीमठ पर नज़र बनाए हुए हैं। पीएम मोदी खुद हालात की समीक्षा कर रहे हैं। सीएम धामी से अपडेट ले रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि लोगों को पहले सुरक्षित जगह पहुंचाया जाए। इन सब के बीचे जोशीमठ के लिए काल बने दोनों होटलों को तोड़ने का काम शुरू हो गया है।
आखिर क्यों गिराए जा रहे ये दो होटल
मलारी इन और माउंट व्यू होटल वो इमारतें हैं जो आज जोशीमठ में हजारों जिंदगियों के लिए खतरा बन गई हैं। एक-दूसरे की तरफ झुके ये दोनों होटल जोशीमठ में भ्रष्टाचार के जीते जागते सबूत हैं। दरअसल, जमीन में दरारें आने के बाद 7 मंजिला मलारी इन और 5 मंजिला माउंट व्यू ऊपर से एक दूसरे से खतरनाक तरीके से जुड़ गए हैं और इस वजह इनके नीचे करीब एक दर्जन घर खतरे की जद में हैं। ख़तरे को देखते हुए इन्हें तोड़ने का फैसला किया गया। लेकिन होटल मालिकों के विरोध की वजह से तोड़ने का काम टलता जा रहा था। आखिरकार कल होटल मालिकों के साथ मुआवजे को लेकर सहमति बनने के बाद कल शाम से होटलों को तोड़ने का काम शुरू किया गया।
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