जोशीमठ के 'ट्विन टावर' गिराने का रास्ता साफ, होटल मालिकों को मिलेगा मुआवजा
मौसम विभाग ने आज जोशीमठ में बारिश और बर्फबारी की भी आशंका जताई है। अगर इन हालात में बारिश होती है तो जोशीमठ पर खतरा और बढ़ सकता है।
जोशीमठ: उत्तराखंड के आपदाग्रस्त शहर जोशीमठ को बचाने की आखिरी कोशिशें शुरू हो गई हैं। आज उन दो होटलों को ढहाया जाएगा जिन्हें कल ध्वस्त किया जाना था। कल होटल से जुड़े लोगों के विरोध के कारण होटलों को गिराने का काम रोका गया था। वहीं, आज प्रशासन और होटल मालिकों के बीच मीटिंग हुई जिसमें मुआवजे को लेकर समझौता हो गया है। ठाकुर सिंह राणा मलारी इन और सुंदरलाल माउंट व्यू होटल के मालिक है। होटल मालिकों ने कहा, ''प्रशासन कह रहा है मार्केट रेट के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा लेकिन कितना दिया जाएगा, क्या रेट है ये कोई नहीं बता रहा।''
बता दें कि आज भी कुछ स्थानीय लोग रात से धरने पर बैठे हुए थे, ये लोग होटल को गिराए जाने का विरोध कर रहे थे। प्रशासन का कहना है कि नियमों का उल्लंघन करके होटल बनाया गया है इसलिए उसे गिराया जा रहा है। जबकि होटल के मालिकों का कहना था कि बना मुआवजे के वो होटल नहीं गिराने देंगे।
क्षतिग्रस्त घरों की संख्या बढ़कर 723 हुई
जोशीमठ में क्षतिग्रस्त मकानों की संख्या बढ़कर 723 हो गई हैं ऐसे में सरकार ने लोगों को सुरक्षित निकालने और क्षतिग्रस्त मकानों, होटलों को बुलडोजर से गिराने का प्लान बनाया है लेकिन मंगलवार को स्थानीय लोगों के विरोध के बाद इसे टालना पड़ा। कल जोरदार विरोध की वजह से होटल नहीं गिराया जा सका आज इसे गिराए जाने का कार्रवाई की जानी है लेकिन सुबह से ही विरोध के सुर तेज हो गए हैं।
दरकते शहर में आसमानी अलर्ट से 'डबल' दहशत
इस बीच मौसम विभाग ने आज जोशीमठ में बारिश और बर्फबारी की भी आशंका जताई है। अगर इन हालात में बारिश होती है तो जोशीमठ पर खतरा और बढ़ सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, जोशीमठ और गढ़वाल समेत कई इलाकों में 11 से 14 जनवरी तक बारिश का अनुमान है। ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है। ऐसे में बारिश हुई तो जोशीमठ में दरारें और गहरी हो सकती हैं।
राहत के साथ आशियाने का मुआवजा
खतरे से निपटने के लिए सरकारी एजेंसियां हर संभव कोशिश कर रही है। जिन 723 घरों को असुरक्षित घोषित किया गया है उनमें 86 घरों को खाली करा लिया गया है। 131 परिवार अबतक शिफ्ट किए जा चुके हैं। इसके लिए 1425 क्षमता के 344 रिलीफ कैंप जोशीमठ में और 2205 क्षमता के 491 रिलीफ कैंप पीपलकोटी में बनाए गए हैं जिनमें लोगों को अस्थायी तौर पर रखा जा रहा है।
53 प्रभावित परिवारों को मदद राशि दी गई है और 5 हजार प्रति परिवार की दर से लोगों को जरूरी सामान खरीदने के पैसे दिए गए हैं। वहीं 10 सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त घरों को 1 लाख 30 हजार रुपये प्रति मकान की दर से मुआवजा भी दिया गया है। अपना घर छोड़कर शिफ्ट हो रहे परिवारों के बीच 70 खाद्यान्न किट और 70 कम्बल बांटे गए हैं।
- 723 घरों को असुरक्षित घोषित किया गया
- 86 घरों को खाली कराया गया
- 131 परिवार अबतक शिफ्ट किए गए
- 1425 क्षमता के 344 रिलीफ कैंप जोशीमठ में
- 2205 क्षमता के 491 रिलीफ कैंप पीपलकोटी में
- 53 प्रभावित परिवारों को मदद राशि दी गई
- 5 हजार प्रति परिवार की दर से दिए गए पैसे
- 10 क्षतिग्रस्त घरों को मुआवजा दिया गया
- 1.30 लाख रुपए प्रति मकान दी गई मदद
- 70 खाद्यान्न किट, 70 कम्बल बांटे गए
16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
इधर जोशीमठ आपदा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए 16 जनवरी को सुनवाई की तारीख तय की है तो जोशीमठ पर आई सबसे बड़ी आपदा को लेकर मंगलवार को नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी की बैठक हुई। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनसीएमसी ने जोशीमठ में स्थिति की समीक्षा की और प्रभावित क्षेत्र से लोगों को सुरक्षित निकालने पर जोर दिया। संवेदनशील ढांचों को सुरक्षित तरीके से गिराने को प्राथमिकता देने के साथ ही राज्य सरकार को आश्वस्त किया गया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां हर जरूरी सहायता उपलब्ध कराएंगी।