जोशीमठ में दरकती जमीन के बाद अब ब्लैक आउट का खतरा मंडराने लगा है। भू-धंसाव के कारण दारारों की जद में आए बिजली के खंभे और ट्रांसफॉर्मर काफी झुक गए हैं जो किसी भी वक्त गिर सकते हैं। ऐसे में प्रशासन भी अलर्ट पर है और टेढ़े हो गए बिजली के खंभों को दुरुस्त किया जा रहा है। इस बीच मौसम विभाग में 23 और 24 जनवरी को पहाड़ों में भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे जोशीमठ के लोगों के लिए बर्फबारी के बाद अब बारिश की टेंशन है।
झुकते जा रहे बिजली के खंभे और ट्रांसफॉर्मर
जोशीमठ में शुक्रवार को हुई बर्फबारी के बाद एक ओर जहां ठंड बढ़ गई है वहीं जमीन धंसने के कारण धंस चुके बिजली के खंभों और ट्रांसफॉर्मर की वजह से जोशीमठ पर बिजली का संकट गहराने का खतरा है। दरकते जोशीमठ में बिजली के कई खंभे दरार की वजह से झुक हैं। यहां तक कि कई ट्रांसफॉर्मर पर भी दरारों का असर हुआ है। जांच में ये बात सामने आई है कि 60 से 70 बिजली के खंभे हैं, जो जमीन धंसने से टेढ़े हो गए हैं। कुछ ट्रांसफॉर्मर भी टेढ़े हो गए हैं और बर्फबारी के बाद मिट्टी गीली होने से इनके गिरने का खतरा और बढ़ गया है।
भू-धंसाव, बर्फबारी के बाद अब बारिश का अलर्ट
ब्लैक आउट की खबरों के बीच मौसम विभाग की भविष्य़वाणी भी जोशीमठ के लोगों को डरा रही है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के बाद मौसम के जो हालात बन रहे हैं, वो और भी डराने वाले हैं। जोशीमठ समेत पूरे उत्तराखंड और हिमाचल, जम्मू कश्मीर में 23 और 24 जनवरी को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग की इस चेतावनी ने जोशीमठ के लोगों के डर को दोगुना कर दिया है और समय रहते अगर बिजली के खंभों को दुरुस्त नहीं किया गया तो जोशीमठ में ब्लैकआउट की समस्या गहरा सकती है।
अब तक 270 परिवारों को किया गया शिफ्ट
इसी बीच, जोशीमठ में शीतलहर और ठंड से बचाव के लिए प्रभावित लोगों को हीटर, कंबल, गरम कपड़े बांटे जा रहे हैं। लेकिन हीटर जलाने के लिए बिजली की जरूरत पड़ेगी और इसको लेकर चमोली जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। अब तक 270 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है। पुनर्वास के लिए कमिटी की स्थानीय लोगों से बात जारी है। साथ ही भारत सरकार और राज्य की 8 एजेंसियां जांच और सर्वेक्षण में लगी हैं।
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