JNU में PM मोदी पर बनी विवादित डॉक्यूमेंट्री दिखाने के लिए बांटे पैंपलेट्स, भारत सरकार पहले ही कर चुकी है बैन
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री India: The Modi Question को भारत में बैन कर दिया गया है बावजूद इसके कुछ लोग प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटे हैं। दिल्ली में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आयशी घोष ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने को लेकर पर्चे बांटे।
नई दिल्ली: बीबीसी की जिस डॉक्यूमेंट्री को भारत सरकार ने देश में बैन कर दिया है, नफरती गैंग उसकी स्क्रीनिंग करने में जुटे हैं। दिल्ली से लेकर तेलंगाना तक इसकी बड़ी प्लानिंग की गई है। हैदराबाद के सेंट्रल यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग भी की गई और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में आज रात 9 बजे स्क्रीनिंग का ऐलान किया गया है लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि नफरती गैंग की ऐसी किसी भी साजिश को कामयाब होने नहीं दिया जाएगा। JNU प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर चेतावनी दी है।
डॉक्यूमेंट्री दिखाने को लेकर पर्चे बांटे
आपको बता दें कि BBC की डॉक्यूमेंट्री India: The Modi Question को भारत में बैन कर दिया गया है बावजूद इसके कुछ लोग प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटे हैं। दिल्ली में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आयशी घोष ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने को लेकर पर्चे बांटे। इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। आयशी घोष ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर कर लिखा, डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग के लिए हमसे जुड़ें, जिसे सबसे बड़े लोकतंत्र की निर्वाचित सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है।
JNU ने डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रद्द करने का दिया आदेश
आयशी का ट्वीट वायरल होने के बाद जेएनयू प्रशासन में हड़कंप मच गया और फिर जेएनयू प्रशासन ने एक एडवाइजरी जारी की। एडवाइजरी में कहा गया है, जेएनयू प्रशासन के संज्ञान में आया है कि JNUSU के नाम पर छात्रों के एक ग्रुप ने पैंपलेट्स बांटे हैं जिसमें इंडिया द मोदी क्वेश्चन डॉक्यूमेंट्री की 24 जनवरी 2023 की रात 9 बजे स्क्रीनिंग करने की बात कही गई है। इस बारे में जेएनयू प्रशासन की तरफ से किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई है ऐसे अनधिकृत कार्यक्रम से विश्वविद्यालय कैंपस की शांति भंग हो सकती है। छात्र-छात्राओं को सलाह है कि इस तरह के विवादित कार्यक्रम न करें और, जो भी जो छात्र-छात्राएं ऐसा शेड्यूल बना चुके हैं, वे भी इसे रद्द कर दें। ऐसा न करने पर उन छात्र-छात्राओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कारवाई की जाएगी।
प्रोपेगेंडा के खिलाफ ऑल इंडिया बार एसोसिएशन
एक तरफ जेएनयू में प्रोपेंगेडा सेट करने की तैयारी थी तो दूसरी तरफ इस प्रोपेगेंडा के खिलाफ अब ऑल इंडिया बार एसोसिएशन उतर आया है। बार एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ. अदीश सी अग्रवाल ने इस डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, ''मैंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया है कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री India: The Modi Question में इंटरनेशनल कॉन्स्पेरेंसी एंगल की जांच के लिए एक SIT बनाई जाए। इस टीम में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज, जूरिस्ट और जांचकर्ताओं को शामिल किया जाए।''
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डॉक्यूमेंट्री बहाना, मोदी पर निशाना!
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को भारत में बैन क्यों किया गया, इस बारे में भारत के विदेश मंत्रालय ने बिल्कुल साफ कर दिया था लेकिन विरोधी दलों को मिशन 2024 के लिए बीबीसी डॉक्यूमेंट्री संजीवनी बूटी की तरह लगने लगी लिहाजा वो इसे भुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते। दिल्ली, हैदराबाद से होते हुए मुंबई से भी मोदी पर हमला करने की कोशिश की गई। इस डॉक्यूमेंट्री पर खुद ब्रिटिश सरकार सवाल खड़े कर चुकी है। ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने संसद में कहा है कि वो इस डॉक्यूमेंट्री में कैरेक्टराइजेशन के खिलाफ हैं।