झारखंड के चाईबासा में मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला को स्थानीय अदालत ने अपने पति की नौकरी अनुकंपा के आधार पर हासिल करने के लिए उसकी हत्या करने का दोषी करार दिया तथा शुक्रवार को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनायी। पुलिस ने बताया कि अनुकम्पा के आधार पर नौकरी पाने के लालच में अनिता देवी उर्फ अनिता सिंह ने 25 जनवरी 2017 को अपने पति राजीव कुमार सिंह की हत्या कर उसके शव को फंदे से लटका दिया था जिससे इसे आत्महत्या का रूप दिया जा सके।
शादी के बाद रेलवे में लगी नौकरी
महिला के ससुर राम विलास सिंह ने पुलिस में जो शिकायत दर्ज कराई है उसमें बताया कि उनके बेटे का नाम राजीव कुनार सिंह था, जिसकी शादी साल 2017 में अनीता सिंह से हुई थी। शादी के कुछ दिनो बाद बहू अनीता बिना बताए बीच में कभी भी गायब हो जाती थी फिर एक दो महीने बाद वापस आ जाती थी। इसके बाद जब उनके बेटे की चाईबासा में रेलवे में नौकरी लग गई तो वह रेलवे क्वार्टर में चला गया।
रेलवे क्वार्टर में रहने लगा बहू का पूरा परिवार
पुलिस को दी प्राथमिकी के अनुसार, जब राजीव रेलवे के क्वार्टर में रहने लगा तो बहू अनीता, उसकी मां, बहन और एक भाई भी आकर रहने लगे। फिर वे सब मिकलर राजीव को धमकाने लगे। राजीव की रेलवे की नौकरी के लालच में 25 नवंबर 2017 को उसकी गला दबा कर हत्या कर दी और लाश को पंखे से लटका दिया ताकि इस आत्महत्या का रूप दिया जा सके। पुलिस ने जब जांच की तो सारा मामला खुला।
आजीवन कारावास के साथ 10 हजार का जुर्माना
इस मामले की जांच के बाद चाईबासा पुलिस ने अनिता सिंह को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा दिया था। चाईबासा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने शुक्रवार को अनिता सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनायी और उस पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। ये मामला मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में 26 नवंबर 2017 को दर्ज किया गया था। दोषी महिला का पति रेलवे में नौकरी करता था।
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