Jharkhand News: झारखंड में दो जगहों पर लोगों को जबरन बीफ खिलाने और इसका विरोध करने पर मारपीट की घटनाएं सामने आई हैं। इन मामलों में एफआईआर दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। पहली घटना हजारीबाग जिले के बरही प्रखंड अंतर्गत बरियठ बिरहोर टोला की है। यहां आदिम जनजाति समुदाय के मनोज बिरहोर ने बरही थाने में एफआईआर दर्ज कराई।
एफआईआर में कहा है, "बीते 30 दिसंबर को दुलमाहा गांव के रहने वाले खलील मियां एक अन्य शख्स के साथ गांव आया और लोगों से कहा कि आज रात सभी लोगों के खाने-पीने का इंतजाम मेरी तरफ से रहेगा। उसने बिरहोर टोला के दर्जनों लोगों को पहले शराब पिलाई और इसके बाद उन्हें भोजन में मांस के बड़े टुकड़े परोसे गए। संदेह होने पर उनलोगों ने विरोध किया, तो उसने धारदार हथियार दिखाकर उन्हें मांस खाने को मजबूर किया।"
मनोज बिरहोर ने घटना के तीसरे दिन थाना पहुंचकर आवेदन दिया, तो पुलिस ने गांव पहुंचकर इसकी जांच की। इस दौरान राजेश बिरहोर के घर से बीफ के अवशेष बरामद किए गए। इसके बाद पुलिस ने आरोपी खलील मियां को गिरफ्तार कर लिया है।
पांच लोगों ने जबरन बीफ खिलाया
इसी तरह की घटना साहिबगंज जिले के राधानगर थाना अंतर्गत तालबन्ना गांव में सामने आई है। गांव के चंदन रविदास नामक युवक ने थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा है कि मिठुन शेख, नसीम शेख, फिरोज शेख सहित पांच लोगों ने बीते 31 दिसंबर को उसे जबरन बीफ खिलाया। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई और उसका हाथ तोड़ दिया गया। पुलिस ने कहा है कि इस मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है।
हिंदू संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की
इधर, बीजेपी और हिंदू संगठनों के नेताओं ने इन घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि एक सोची-समझी साजिश के तहत इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देने वाले मुख्यमंत्री जी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्या? ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। विश्व हिंदू परिषद और दूसरे संगठनों ने भी इन मामलों में तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
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