Jharkhand: कहा जाता है कि अगर आपको किसी सरकारी विभाग से कोई काम करवाना है तो आपको कई चक्कर लगाने होंगे। आपको कई अधिकारियों के पास जाकर गुहार लगानी होगी। कई मिन्नतें करनी होंगी। हां, अगर आप किसी प्रभावशाली व्यक्ति की सिफारिश लेकर जाते हैं तो काम कुछ आसन हो जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ झारखंड में। यहां अपने घर के सामने की सड़क से जुड़ी समस्या का समाधान न होने से नाराज पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला निवासी शौर्य चक्र विजेता रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर मो. जावेद ने अपना शौर्य चक्र मेडल वापस कर दिया।
उन्होंने घाटशिला के एसडीएम के टेबल पर अपना शौर्य चक्र रख दिया और अपने घर लौट गए। मो. जावेद एयरफोर्स में वारंट ऑफिसर थे। उन्हें एयरफोर्स में रहते हुए बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने घाटशिला के नवाब कोठी इलाके में मकान बनाया है। उनका कहना है कि उनके घर के पास स्थित एक घर को उनके ही समुदाय के कुछ लोगों ने मस्जिद बना दी और इसका मुख्य गेट उनके घर की तरफ जबरन खोल दिया। इस वजह से उनके घर के सामने दिन भर गाड़ियों का तांता लगा रहता है। उनके घर की तरफ मस्जिद का गेट खोले जाने से उनका निजी एवं पारिवारिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
समस्या को लेकर सैनिक ने कई बार की थी शिकायत
मो. जावेद का कहना है कि उन्होंने इसे लेकर कई बार अनुमंडल पदाधिकारी से शिकायत की, लेकिन उनकी समस्या का समाधान करने की बजाय दूसरे पक्ष की मदद करते रहे। प्रशासन की इसी बेरुखी से तंग आकर उन्होंने अपना शौर्य चक्र अनुमंडल पदाधिकारी सत्यवीर रजक को वापस कर दिया। हालांकि, अनुमंडल पदाधिकारी सत्यवीर रजक का कहना है कि मो. जावेद के घर के सामने सार्वजनिक सड़क है। वे इसे बंद करवाना चाहते हैं। यह संभव नहीं है। अनुमंडल पदाधिकारी के मुताबिक उन्होंने मो. जावेद से कहा कि वे अपनी मांग के बारे में लिखित रूप से जानकारी दें। इसे वरीय अफसरों तक पहुंचाया जाएगा, लेकिन वह अपना शौर्य चक्र लौटाने पर अड़ गए।
इनपुट - आईएएनएस
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