Jharkhand News: जज उत्तम आनंद (ADJ Uttam Anand) हत्याकांड में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। दोनों आरोपियों लखन वर्मा और राहुल वर्मा को साजिशन हत्या और सबूत छिपाने का दोषी पाया गया है। दोनों को धारा-302 और 201 के तहत दोषी ठहराया गया है। दोनों दोषियों को CBI की स्पेशल कोर्ट 6 अगस्त को सजा सुनाएगी।
एक साल के अंदर सुनाया गया फैसला
CBI की क्राइम ब्रांच के स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अमित जिंदल (Amit Jindal) ने बताया कि CBI कोर्ट ने स्पीडी ट्रायल चलाकर 1 साल के भीतर फैसला दिया है। लगभग 6 महीने के रिकॉर्ड समय में Trial पूरा किया गया। उन्होंने बताया कि ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा ने साजिश के तहत जज उत्तम आनंद की हत्या की और सबूत छिपाने की कोशिश की। इसी मामले में 58 गवाहों की गवाही के बाद दोनों को धारा 302 और धारा 201 के तहत दोषी पाया गया। 6 अगस्त को दोनों दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।
28 जुलाई 2021 को हुई थी जज की हत्या
CBI ने झारखंड सरकार के निवेदन और इसके अलावा भारत सरकार की नोटिफिकेशन पर उत्तम आनंद की हत्या की 04 अगस्त 2021 को मामला दर्ज किया था। 28 जुलाई 2021 को उत्तम आनंद की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात ऑटो चालक के विरुद्ध IPC की धारा-302, 34 के तहत धनबाद पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज किया गया था। स्थानीय पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। 28 जुलाई 2021 को धनबाद में जज उत्तम आनंद की हत्या मॉर्निंग वॉक के दौरान ऑटो से टक्कर मारकर कर दी गई थी। जज उत्तम आनंद को सुबह 05.08 मिनट पर मॉर्निंग वॉक के दौरान ऑटो से टक्कर मारी गई थी। इस मामले में CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया था।
सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट ने मामले पर लिया था स्वतः संज्ञान
झारखंड सरकार ने SIT टीम गठित कर मर्डर का खुलासा करने का आदेश दिया था। लेकिन, तब तक सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए CBI जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद 4 अगस्त 2021 को ये केस CBI को ट्रासंफर कर दिया गया। CBI की स्पेशल टीम ने धनबाद पहुंच मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सबूत जुटाए।
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