Jharkhand News: भारत में सरकारी अस्पतालों की क्या स्थिति होती है, यह सर्वविदित है। कहीं डॉक्टर गायब रहते हैं तो कहीं सिर्फ अग्जों पर ही मरीजों का इलाज होता है। अकसर अस्पतालों की अव्यवस्था ख़बरों में आती रहती है। आज हालत यह हैं कि इन अस्पतालों में किसी मरीज का इलाज व्यक्ति बड़ी ही मज़बूरी में करता है। वजह होती है यहां की अव्यवस्था और लापहरवाही।
ऐसा ही अव्यवस्था और लापहरवाही का मामला झारखंड के हजारीबाग जिले से सामने आया है। खबर है कि यहां के एक अस्पताल में एक व्यक्ति का इलाज मोबाइल की टार्च की रोशनी में किया गया। इलाज करते हुए वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। जिसमें दिखाया गया है कि हजारीबाग मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एचएमसीएच) में बिजली कटौती के बाद बिजली की चपेट में आए एक व्यक्ति का कथित तौर पर मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में किया गया।
अस्पताल ने वीडियो को बताया गलत
यह वीडियो हजारीबाग मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का बताया जा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद अब प्रशासन जांच की बात कह रहा है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने इस आरोप से इनकार किया है कि मरीज का मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में इलाज किया जा रहा था। अस्पताल प्रशासन ने इसे झूठा करार दिया।
स्थानीय विधायक के सचिव ने शूट किया वीडियो
हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल के सचिव रंजन चौधरी ने इस वीडियो को शूट किया, जिसमें कथित तौर पर दिखाया गया है कि मरीज का बिजली कटौती में इलाज किया जा रहा है और इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। चौधरी ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन को सूचना देने के बावजूद बिजली बहाल नहीं की गई।
गौरतलब है कि जिले के कटकमसांडी प्रखंड के अरघुसाई गांव का 24 वर्षीय सागर कुमार राणा बृहस्पतिवार शाम आकाशीय बिजली की चपेट में आने से घायल हो गया था। उसे एचएमसीएच लाया गया और उसी रात इलाज के लिए अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने मरीज का ईसीजी कराने का निर्देश दिया। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने मरीज का ईसीजी कराने का निर्देश दिया। इस दौरान अस्पताल की बिजली गुल हो गई।
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