मॉब लिंचिंग की राजधानी बन चुका है झारखंड, ये आंकड़े दे रहे हैं इसकी गवाही
एक आंकड़े के अनुसार, राज्य में 17 मार्च 2016 से 13 मार्च 2021 तक 42 लोगों की मॉब लिंचिग हुई है, जिसमें 23 की मौत हुई जबकि 19 गंभीर रूप से घायल हुए। वहीं इस वर्ष अब तक 15 से ज्यादा मोबलिंचिंग की घटनाएं हो चुकी हैं।
झारखंड राज्य में पिछले कुछ समय से भीड़ के हाथों कई लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। राज्य में भीड़तंत्र के हाथों हत्या, जिंदा जलाने, मारपीट, रेप, अमानवीय प्रताड़ना की घटनाओं में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। मॉब लिंचिंग के आंकड़े देखे जाएं तो वर्ष 2016 से 2021 के बीच राज्य में 46 घटनाएं हुईं। लेकिन इस वर्ष ऐसी घटनाओं की बाढ़ सी आ गई।
इस वर्ष मॉबलिंचिंग की आ चुकी हैं दर्जनों घटनाएं
2022 की बात करें तो भीड़ हिंसा की एक दर्जन वारदात सामने आ चुकी हैं। जाहिर है, राज्य में ऐसी घटनाओं का बदस्तूर सिलसिला चला आ रहा है। अभी हाल ही में 6 अक्टूबर को बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत धवैया गांव में दर्जनों लोगों ने गांव के ही 45 साल के शख्स इमरान अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। गांव वालों का आरोप था कि इस शख्स का गांव में दूसरे धर्म की एक महिला से नाजायज रिश्ते थे। इस वारदात को लेकर गांव और आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन गई। हालात नियंत्रित करने के लिए 300 से भी ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती से लेकर धारा 144 तक लागू करनी पड़ी। कुल 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
डायन बताकर तीन महिलाओं को पीटा, जबरन मॉल-मूत्र पिलाया
इससे पहले अक्टूबर में ही गुमला जिला अंतर्गत जारी थाना क्षेत्र की डूमरटोली बस्ती में भीड़ ने गुमला निवासी 22 वर्षीय एजाज खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। मारे गए युवक पर छत्तीसगढ़ में बकरी चुराने का आरोप था। वहीं सितंबर की रात दुमका जिले के सरैयाहाट प्रखंड अंतर्गत असवारी गांव में भीड़ ने डायन का आरोप लगाकर एक परिवार की तीन महिलाओं सहित चार लोगों को भयावह तरीके से प्रताड़ित किया। इन चारों को जबरन मल-मूत्र पिलाया और उन्हें लोहे की गर्म छड़ों से दागा। दूसरे रोज पुलिस ने उन चारों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया।
सरकार ने बिल पास किया, लेकिन राज्यपाल में किया वापस
झारखंड सरकार ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर अंकुश के लिए बीते वर्ष दिसंबर में विधानसभा से एंटी मॉब लिंचिंग बिल भी पास कराया था, लेकिन बीते मार्च में राज्यपाल ने यह बिल कुछ तकनीकी आपत्तियों के साथ सरकार को लौटा दी। आपत्तियों के निराकरण के बाद यह बिल सरकार दुबारा पास कराएगी, तब राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह कानून का रूप ले पाएगा।
मॉब लिंचिंग बिल में उम्र कैद का प्रावधान
इस विधेयक में मॉब लिंचिंग में मौत होने पर दोषी को उम्र कैद तथा पांच से 25 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। लिंचिंग के शिकार के इलाज का खर्च जुर्माने की राशि से दिया जाएगा। भीड़ हिंसा में किसी व्यक्ति के हल्का जख्मी होने पर भी आरोपियों को एक से तीन साल तक जेल या एक लाख से तीन लाख रुपये तक जुर्माना और गंभीर रूप से जख्मी होने की स्थिति में एक से 10 साल तक जेल या तीन से 10 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।