"हम शहरों को कर्बला बना देंगे, मुस्लिमों के लिए सेफ्टी एक्ट बने" JDU नेता ने दिया भड़काऊ भाषण
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के नेता और पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने भड़काऊ बयान बाज़ी की है। गुलाम रसूल बलियावी ने रैली में मुसलमानों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी एक्ट की मांग कर दी।
बिहार और झारखंड में मुसलमानों को डर दिखा कर एक नई तरह की बहस शुरू हो गई है। पहले लालू यादव की पार्टी के नेता अब्दुल बारी सिद्दकी ने देश के माहौल को लेकर चिंता ज़ाहिर की और अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के नेता और पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने भड़काऊ बयान बाज़ी की है। गुलाम रसूल बलियावी ने रैली में मुसलमानों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी एक्ट की मांग कर दी। गुलाम रसूल बलियावी ने झारखंड के हाजारीबाग में एक रैली में जमकर भड़काऊ बयानबाज़ी की।
मुलसमानों के लिए सेफ्टी एक्ट की मांग
झारखंड के हाजारीबाग में एक रैली के दौरान जेडीयू नेता ने नाम लिये बिना बीजेपी से निष्कासित नेता नुपुर शर्मा पर निशाना साधते हुए धमकी दी कि वो शहरों को कर्बला बना देंगे। JDU लीडर ने आरोप लगाया कि खुद को सेकुलर बताने वाली किसी पार्टी ने नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग नहीं की। गुलाम रसूल अपनी तकरीर में पहले तो सामाजिक मुद्दों पर बोलते रहे फिर नुपुर शर्मा के नाम पर लोगों को भड़काया और आखिर में मुलसमानों के लिए सेफ्टी एक्ट की मांग कर दी।
"मेरे आका की इज्जत पर हाथ डालोगे तो..."
जेडीयू के नेता और पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल ने अपन भाषण में कहा, "बलियावी तो कहता है मुझे जितनी गालियां देनीं हों दे दो लेकिन मेरे आका की इज्जत पर हाथ डालोगे तो अभी तो हम कर्बला मैदान में इकट्ठा हुए हैं, उनकी इज्जत के लिए हम शहरों को भी कर्बला बना देंगे। कोई रियायत नहीं होगी, इसलिये कि मेरी ज़िंदगी मेरी नहीं है, मेरी सांसे मेरी नहीं हैं, जीने की तमन्ना वो करे जिसके पास रसूल का नूर ना हो। हम तो इसी आरजू तमन्ना से जिए जीते हैं कि मरने के बाद एक दिन ऐसा भी आएगा कोई नहीं रहेगा। मैं रहूंगा मेरा रसूल रहेगा, कोई समझौता नहीं होगा। लेकिन सेकुलर कहलाने वाले किसी पार्टी के नेता ने आवाज़ नहीं उठाई कि इस औरत को गिरफ्तार करो। इस पागल औरत को पकड़ो कोई आवाज़ नहीं उठी।"
"मुसलमानों के लिए सेफ्टी एक्ट बनना चाहिए"
मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने अपने भाषण में आगे कहा, "मोराबादी और रांची को जाम कर दो। अरे अक्सर गैरों के झंडे लेकर निकले हो, निकल लो एक बार माझी ने नामूस पर झंडा लेकर और बता दो हुक्मरानों को कि हम राख के नीचे दबे ज़रूर हैं, बुझे नहीं हैं। तो दिल से जितने लोग साथ हों इन सारे मुद्दों पर अपना समर्थन अपनी हिमायत की ये 17 एजेंडे हैं, इन सारे एजेंडों को आपने सुन लिया, समझ लिया। क्या ये लागू होना चाहिए की नहीं होना चाहिए। नामूसे रिसालत पर कानून बनना चाहिए। दलितों की तरह मुसलमानों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी एक्ट बनना चाहिए। सत्ता में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। मेरे बच्चों को रोज़गार मिलना चाहिए। दहेज खतम होना चाहिए।"