जन्माष्टमी के पर्व पर मथुरा शहर में हर साल श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। इस बार मथुरा के वृन्दावन स्थित ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से बड़ी अपील की है। प्रबंधन ने कहा है कि श्रद्धालु जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर में छोटे बच्चों, वृद्धों, दिव्यांग एवं मरीजों को नहीं लाएं और भीड़ का हिस्सा बनने से बचें। आपको बता दें कि बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी 27 अगस्त की रात्रि में मनाई जाएगी।
मंदिर प्रबंधन ने क्या कहा?
बांकेबिहारी मंदिर के प्रबंधन ने लोगों से कहा है कि वृन्दावन आने से पूर्व भीड़ का आकलन कर लें और यदि भीड़ ज्यादा है तो बेहतर होगा कि फिर किसी अन्य अवसर पर आने का कार्यक्रम बनाएं। मंदिर प्रबंधन ने लोगों से इसका कारण बताया है कि गर्मी के दौरान उपवास रखने और जरूरी दवा नहीं लेने से कई बार वृद्ध श्रद्धालुओं और विशेष रूप से महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। मंदिर प्रबंधन ने ये भी कहा है कि उचित दवाइयां और चिकित्सा लाभ लेने के बाद ही मंदिर में पधारें।
श्रद्धालुओं की हो चुकी है मौत
मथुरा के बिहारी जी के मंदिर में दो साल पहले रात्रि के तीसरे पहर में होने वाली मंगला आरती के दर्शन के समय भारी भीड़ हो गई थी। इस कारण सांस लेने में समस्या होने के कारण दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। बीते रविवार को भी मंदिर से निकलते-निकलते एक बुजुर्ग श्रद्धालु की दम घुटने से मौत हो गई थी।
जूते-चप्पल पहनकर न आने की अपील
बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधक ने कहा है कि मंदिर में प्रवेश एवं निकासी का दरवाजा अलग-अलग है। ऐसे में श्रद्धालुओं से जूते-चप्पल पहनकर न आने की अपील की गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि जूते-चप्पल पाने के लिए दुबारा वहां पहुंचना संभव नहीं हो पाएगा। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान समेत कई जगहों पर जन्माष्टमी 26 अगस्त को है जबकि बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी 27 अगस्त की रात्रि में है। (इनपुट: भाषा)
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