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Hindi News भारत राष्ट्रीय Jammu-Kashmir: पिता करते हैं दर्जी का काम, बेटे ने साइकिलिंग में जम्मू-कश्मीर के लिए जीता पहला गोल्ड, रचा इतिहास

Jammu-Kashmir: पिता करते हैं दर्जी का काम, बेटे ने साइकिलिंग में जम्मू-कश्मीर के लिए जीता पहला गोल्ड, रचा इतिहास

Jammu-Kashmir: आदिल बचपन में मध्य कश्मीर के श्रीनगर जिले के लाल बाजार की भीड़-भाड़ वाली गलियों में साइकिल चलाना पसंद करते थे। यह उनके दैनिक कामकाज का हिस्सा था। 

 Adil Altaf Wins First Cycling Gold for Jammu and Kashmir - India TV Hindi  Adil Altaf Wins First Cycling Gold for Jammu and Kashmir 

Highlights

  • आदिल ने अपने नाम किए दो पदक
  • उनका परिवार श्रीनगर में रहता है
  • उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दी बधाई

Jammu-Kashmir: हरियाणा के पंचकुला में खेलो इंडिया गेम्स में जम्मू-कश्मीर के लिए साइकिलिंग में पहला गोल्ड जीतकर आदिल अल्ताफ ने इतिहास रच दिया है। आदिल का परिवार श्रीनगर में रहता है। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। उनके पिता दर्जी का काम करते हैं। आदिल ने शनिवार की सुबह लड़कों की 70 किलोमीटर की रोड रेस जीतकर रिकॉर्ड बनाया है। एक दिन पहले उन्होंने 28 किलोमीटर के व्यक्तिगत टाइम ट्रायल में रजत पदक जीता था। आदिल अल्ताफ की इस उपलब्धी पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी उन्हें बधाई दी है।

शनिवार को अल्ताफ का मुकाबला महाराष्ट्र के सिद्धेश पाटिल और दिल्ली के अरशद फरीदी जैसे साइकिलिस्ट के साथ हुआ था। अपनी जीत के बाद आदिल ने कहा, "यह मेरे लिए बड़ा क्षण है। मैं यहां अच्छा प्रदर्शन करने के भरोसे के साथ आया था। गोल्ड एक बोनस है और इससे मेरा आत्मविश्वास और बढ़ेगा।"

 भीड़-भाड़ वाली गलियों में  चलाया करते थे साइकिल

आदिल बचपन में मध्य कश्मीर के श्रीनगर जिले के लाल बाजार की भीड़-भाड़ वाली गलियों में साइकिल चलाना पसंद करते थे। यह उनके दैनिक कामकाज का हिस्सा था। वे अपने दर्जी पिता की मदद के लिए सामान को एक जगह से दूसरी जगह तक लाने और ले जाने का काम अपनी साइकिल से ही करते थे।

जब आदिल अल्ताफ 15 साल के हुए, तो उन्होंने पहली बार अपने स्कूल, कश्मीर हार्वर्ड में आयोजित एक साइकिलिंग कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने इस खेल को गंभीरता से लिया। उनके गरीब पिता ने उनके जुनून को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें एक साइकिल दिलाने के लिए दोगुनी मेहनत की।

आदिल ने जब स्थानीय कार्यक्रमों में जीतना शुरू किया, तो श्रीनगर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने उनकी मदद के लिए आगे आया। उनके लिए 4.5 लाख रुपये की एमटीबी बाइक स्पॉन्सर की गई। 18 साल के अल्ताफ पिछले छह महीने से एनआईएस पटियाला में खेलो इंडिया गेम्स की तैयारी कर रहे थे।

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