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Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार ने चला बड़ा राजनीतिक दांव, गुर्जर बकरवाल समुदाय के नेता गुलाम अली को भेजा राज्यसभा

Jammu Kashmir News: गुलाम अली के नामांकन को कई मामलों में अहम माना जा रहा है। क्योंकि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने से पहले इस समुदाय का विधायी निकायों में बहुत कम प्रतिनिधित्व था।

Gujjar Bakarwal community leader Ghulam Ali- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA Gujjar Bakarwal community leader Ghulam Ali

Highlights

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए दी जानकारी
  • गुलाम अली के नामांकन को कई मामलों में अहम माना जा रहा है
  • शुरुआत में पूर्व कांग्रेस नेता के नामांकन को लेकर उड़ी अफवाह

Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में चुनावों से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा राजनीतिक दांव चला है। जम्मू-कश्मीर भाजपा के नेता और अनुसूचित जनजाति से जुड़े गुर्जर बकरवाल मुस्लिम समुदाय से आने वाले गुलाम अली खटाना को भाजपा ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। 

इस फैसले के साथ ही बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर अपनी भावी रणनीति के संकेत दिए हैं। जम्मू-कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने के आसार हैं। ऐसे में वहां के सामाजिक समीकरणों को देखते हुए भाजपा ने यह दांव चला है।

Image Source : twitterGujjar Bakarwal community leader Ghulam Ali sent to Rajya Sabha

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया, 'भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (एक) के उप-खंड (ए) से मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए, जो उसी अनुच्छेद के खंड (3) में शामिल है, राष्ट्रपति एक मनोनित सदस्य के सेवानिवृत्त होने से रिक्त हुई जगह को भरने के लिए गुलाम अली को राज्यसभा के लिए नामित करती है।'

शुरुआत में पूर्व कांग्रेस नेता के नामांकन को लेकर उड़ी अफवाह 

गुलाम अली खटाना के राज्यसभा के लिए मनोनीत होने की खबर जैसे ही मीडिया में आई तो शरुआत में सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ी कि यह नामांकन पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी का है। जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़कर अपना नया राजनीतिक दल बनाने का ऐलान किया था। लेकिन कुछ समय बाद यह साफ़ हो गया कि यह वे नहीं हैं। अधिसूचना जारी होने के बाद भाजपा के बड़े नेताओं ने उनको बधाई देनी शुरू कर दी। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए यह एक महत्वपूर्ण फैसला है। राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी ट्वीट कर गुलाम अली खटाना को बधाई दी।

गुलाम अली के नामांकन आखिर क्यों अहम?

गुलाम अली के नामांकन को कई मामलों में अहम माना जा रहा है। क्योंकि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने से पहले इस समुदाय का विधायी निकायों में बहुत कम प्रतिनिधित्व था। बता दें कि केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। अनुच्छेद-370 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था। यह अनुच्छेद के हटते ही राज्य का विशेष दर्जा समाप्त हो गया और वह अन्य भारतीय राज्यों की तरह हो गया।

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