बारामूला: जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले विस्थापित कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के लिए बनाई जा रही कॉलोनी में 320 में से आधे फ्लैट का काम पूरा हो गया है। उपायुक्त (बारामूला) सैयद सहरिश असगर ने कहा, ‘‘ख्वाज़ाबाग में 40.22 करोड़ रुपये की लागत से नई विस्थापित कॉलोनी बनाई जा रही है। हमने 35 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं। 10 ब्लॉक उद्घाटन के लिए तैयार हैं।’’
उन्होंने बताया कि करीब 160 फ्लैट महीने के अंत तक उद्घाटन के लिए तैयार हो जाएंगे। असगर ने कहा, ‘‘कुल 320 फ्लैट बनाए जाने हैं। बाकी के फ्लैट का निर्माण दो-तीन महीने के भीतर पूरा हो जाएगा। अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। कॉलोनी सुरक्षित स्थान पर बनाई गई है।’’ उन्होंने बताया कि कॉलोनी की चारदीवारी का काम भी जल्द शुरू होगा।
असगर ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल के प्रशासन का मुख्य ध्यान प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले उन कर्मचारियों को आवास मुहैया कराने पर है, जिन्हें मौजूदा कॉलोनी में आवास नहीं मिल रहा है, ताकि वे अपने पेशेवर कर्तव्यों का निर्बाध तरीके से निर्वहन कर सकें।’’ विस्थापित कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने भी इस परियोजना पर संतोष जताया है। कश्मीरी पंडित रोहित रैना ने कहा, ‘‘यह अच्छी बात है कि कॉलोनी बनाई जा रही है, लेकिन हम इसे पुनर्वास से नहीं जोड़ सकते। पुनर्वास एक बड़ी प्रक्रिया है। यदि किराये पर रह रहे सभी विस्थापित कर्मचारी इन सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए आवास में रहते हैं, तो यह सुरक्षा के नजरिये से अच्छा कदम होगा।’’
उन्होंने कहा कि सभी के लिए सुरक्षा इस समुदाय की सबसे बड़ी चिंता है। इलाके के मुस्लिमों ने भी कॉलोनी के निर्माण का स्वागत किया है। एक स्थानीय मुस्लिम निवासी तारिक अहमद ने कहा, ‘‘विस्थापित कश्मीरी पंडित कॉलोनी का निर्माण एक स्वागत योग्य कदम है। हम अपने पंडित भाइयों का पहले की तरह यहां रहने के लिए स्वागत करते हैं, जो दशकों पुरानी कश्मीरियत को दर्शाता है।’’
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अनुसार, श्रीनगर, बारामूला और बांदीपुरा जिलों में कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के लिए ट्रांजिट आवास बनाए जा रहे हैं और करीब 1,200 फ्लैट का निर्माण दिसंबर तक पूरे हो जाएगा।
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