A
Hindi News भारत राष्ट्रीय Jammu-Kashmir Delimitation: जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की रिपोर्ट विपक्षी दलों ने की खारिज, बेहद आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण बताया

Jammu-Kashmir Delimitation: जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की रिपोर्ट विपक्षी दलों ने की खारिज, बेहद आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण बताया

जम्मू-कश्मीर में विपक्षी दलों ने शनिवार को परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को ''बेहद आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित'' करार देकर संयुक्त रूप से खारिज किया और सोमवार को यहां एक आपात बैठक का आह्वान किया।

Report of the Jammu and Kashmir Delimitation Commission- India TV Hindi Image Source : ANI Report of the Jammu and Kashmir Delimitation Commission

Highlights

  • जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की रिपोर्ट
  • विपक्षी दलों ने बताया बेहद आपत्तिजनक
  • जम्मू के सर्वदलीय संयुक्त मोर्चा ने बुलाई बैठक

Jammu-Kashmir Delimitation: जम्मू-कश्मीर में विपक्षी दलों ने शनिवार को परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को ''बेहद आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित'' करार देकर संयुक्त रूप से खारिज किया और सोमवार को यहां एक आपात बैठक का आह्वान किया। हालांकि, कई गुज्जर और बकरवाल संगठनों ने अनुसूचित जनजाति के लिए नौ विधानसभा सीटें आरक्षित करने के कदम का स्वागत किया और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। 

परिसीमन आयोग की रिपोर्ट में क्या है-

मार्च 2020 में गठित जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग ने बृहस्पतिवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट अधिसूचित करते हुए जम्मू क्षेत्र को छह नई विधानसभा सीटें और कश्मीर घाटी को एक नई विधानसभा सीट देते हुए राजौरी व पुंछ इलाकों को अनंतनाग संसदीय सीट के तहत लाने की सिफारिश की थी। केंद्र शासित प्रदेश के 90 सदस्यीय सदन में जम्मू मंडल में अब 43 विधानसभा सीटें होंगी जबकि कश्मीर में 47 सीटें होंगी। 

जम्मू कश्मीर को लेकर गठित परिसीमन आयोग ने एकसमान जनसंख्या अनुपात बनाए रखने के लिए जम्मू क्षेत्र की अधिकांश विधानसभा सीटों की सीमाओं को फिर से निर्धारित किया है और निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या 37 से बढ़ाकर 43 कर दी है। आयोग ने जम्मू में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों को क्रमशः सात और पांच सीटें आरक्षित करके बड़ा प्रतिनिधित्व दिया है। 

संयुक्त मोर्चा ने की रिपोर्ट खारिज 

जम्मू के सर्वदलीय संयुक्त मोर्चा (एपीयूएम) ने परिसीमन आयोग की अंतिम रिपोर्ट को खारिज किया। इसने दावा किया कि यह रिपोर्ट अत्यधिक पक्षपातपूर्ण, प्रेरित और परिसीमन के सभी बुनियादी मानदंडों जैसे निकटता, सम्पर्क, जनसंख्या, भौतिक और सार्वजनिक सुविधाओं के खिलाफ है। एपीयूएम में कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, माकपा, भाकपा के अलावा कई अन्य सामाजिक संगठन शामिल हैं। एपीयूएम ने यहां जारी एक बयान में कहा, '' आयोग ने जमीनी हकीकत को पूरी तरह से नजरअंदाज किया और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की सुविधाओं तथा आकांक्षाओं की उपेक्षा की है।'' बयान के मुताबिक, एपीयूएम ने इस रिपोर्ट के बाद उभरे हालात पर चर्चा के लिए सोमवार को एक आपात बैठक बुलाई है।

Latest India News