श्रीनगर के बीएसएफ मुख्यालय में आज 58वां स्थापना दिवस मनाया गया। स्थापना दिवस के मौके पर शहीद जवानों को याद किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके साथ ही शहीद जवानों के परिवारों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बीएसएफ के दिग्गजों और एफटीआर मुख्यालय बीएसएफ, कश्मीर के सभी बीएसएफ कर्मियों के साथ-साथ एसटीसी बीएसएफ कश्मीर के सैनिकों के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
आईजी बीएसएफ कश्मीर फ्रंटियर भी रहे मौजूद
बीएसएफ स्थापना दिवस फ्रंटियर मुख्यालय बीएसएफ कश्मीर में सभी रैंकों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर आईजी बीएसएफ कश्मीर फ्रंटियर अशोक यादव ने कहा कि बीएसएफ किसी भी चुनौती से लड़ने के लिए तैयार है। खासतौर पर एलओसी पर घुसपैठ या ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स की तस्करी एक बहत बड़ी चुनौती है और इसको रोकने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं। घुसपैठ की कोशिश को नाकाम बनाने के लिए बीएसएफ और आर्मी मिलकर काम कर रही है।
पिछले एक सप्ताह के दौरान कश्मीर घाटी में बीएसएफ की तैनाती के विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें सीमावर्ती आबादी वाले जनसंपर्क कार्यक्रम भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने बीएसएफ के स्थापना दिवस पर बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के स्थापना दिवस पर इस प्रमुख सुरक्षा बल के कर्मियों को बधाई दी और उनके शौर्य की सराहना की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘बीएसएफ के स्थापना दिवस पर सभी बीएसएफ कर्मियों और उनके परिवारों को बधाई। यह एक ऐसा सुरक्षा बल है, जिसका भारत की रक्षा करने और पूरी लगन के साथ हमारे राष्ट्र की सेवा करने का उत्कृष्ट इतिहास रहा है। मैं प्राकृतिक आपदाओं जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के दौरान बीएसएफ द्वारा किए जाने नेक कार्यों के लिए भी उसकी सराहना करता हूं।’’
साल 1965 में हुई थी BSF की स्थापना
बीएसएफ की स्थापना साल 1965 में भारत की सीमाओं की रक्षा और अन्तरराष्ट्रीय अपराध को रोकने के लिए की गई थी। बीएसएफ केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। बांग्लादेश की आज़ादी में ‘सीमा सुरक्षा बल’ की अहम भूमिका अविस्मरणीय है।
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