Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के एक युवक ने सराहनीय उपलब्धि हासिल करते हुए 500 मीटर लंबे कागज के रोल पर हाथों से पवित्र कुरान लिखी है। बांदीपोरा के फ्रंटीयर गुरेज के तुलैल इलाके के रहने वाले 27 साल के मुस्तफा-इब्न-जमील ने अनोखा किर्तीमान स्थापित किया है। उन्होंने कड़ी मेहनत से 500 मीटर लंबे कागज पर कुरान लिखकर वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया है। उन्होंने पिछले साल इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया था।
मुस्तफा का दावा है कि उनकी उपलब्धि को लिंकन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। लिंकन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर इसका उल्लेख किया है और इसके लिए उन्हें पुरस्कार भी दिया है। कागज की चौड़ाई 14.5 इंच और लंबाई 500 मीटर है। कश्मीर में रहने वाले फोटोजर्नलिस्ट बासित जरगर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें मुस्तफा का रिकॉर्ड देखने को मिल रहा है।
देखें वीडियो-
हर दिन 18 घंटे काम कर बनाया रिकॉर्ड
मुस्तफा हर दिन 18 घंटे पेपर पर कुरान लिखा करते थे। उन्होंने बताया कि मैट्रिक पास नहीं कर पाने के बाद उन्होंने कैलीग्राफी का काम शुरू किया क्योंकि वह गणित में कमजोर थे और हमेशा रिश्तेदारों और अन्य ग्रामीणों के ताने झेलते थे। इसने उन्हें कुछ अनोखा करने के लिए प्रेरित किया। आगे उन्होंने बताया, ‘‘अक्षरांकन (कैलीग्राफी) के लिए विशेष कला पेपर की व्यवस्था करने में मुझे 2 महीने लगे। मुझे यह दिल्ली की एक फैक्टरी से मिला क्योंकि ये खुले बाजार में उपलब्ध नहीं था। फिर मैंने इसके लिए एक विशेष कैलीग्राफी स्याही का भी प्रबंध किया।’’
मुस्तफा ने शीना भाषा में कुरान को किया था ट्रांसलेट
उन्होंने कहा कि यह काम इस साल जून में पूरा हो गया था लेकिन कैलीग्राफी के चलते इसमें 3 और महीनों का वक्त लगा। जमील ने बताया, ‘‘(पेपर के) किनारों का डिजाइन करने में करीब एक महीने का समय लगा। मैंने इसे करीब 13 लाख बिंदियों के साथ डिजाइन किया। इसके बाद कागज के पूरे रोल पर लेमिनेशन किया गया।’’ उन्होंने बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट को दिल्ली में पूरा किया गया, जिसमें करीब ढाई लाख रुपये खर्च हुए। जमील ने कहा कि उनकी दिली इच्छा थी कि वह कुरान लिखें और इसके लिए अपनी लिखाई में सुधार लाने के वास्ते उन्होंने कैलीग्राफी कला सीखी। उन्होंने कहा कि इस काम में उनके परिवार ने भी उनका भरपूर सहयोग किया।
वहीं, मुस्तफा के कुरान वाले वीडियो पर लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं। एक व्यक्ति ने कहा कि लोगों को मुस्तफा के बारे में जानना चाहिए क्योंकि उसने कमाल का काम किया है। वहीं दूसरे ने बताया कि कुछ महीनों पहले मुस्तफा ने शीना भाषा में कुरान को ट्रांसलेट किया था।
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