जम्मू-कश्मीर: एक शिक्षक का काम समाज के युवाओं को सही दिशा देना होता है लेकिन अगर शिक्षक ही गलत दिशा पर चलने लगे तो देश के युवाओं का क्या होगा? दरअसल जम्मू कश्मीर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां सरकारी स्कूल का टीचर ही आतंकी निकला है। इस बारे में जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह का बयान भी सामने आया है।
उन्होंने कहा, 'लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को कई विस्फोटों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह आतंकवादी पहले एक सरकारी स्कूल का शिक्षक था। वह वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस में हुए विस्फोट की घटना में भी कथित तौर पर शामिल था।'
सिंह ने पत्रकारों को बताया कि जम्मू के नरवाल में हाल ही में हुए दोहरे विस्फोट की जांच के बाद रियासी जिले के निवासी आरिफ को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से एक आईईडी (संवर्धित विस्फोटक उपकरण) भी बरामद किया गया है, जिसे इत्र की बोतल के अंदर लगाया गया था।
आरोपी ने विस्फोट की घटना में शामिल होने की बात कबूली
जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रमुख ने कहा कि पहली बार केंद्र शासित प्रदेश में इस तरह का बम बरामद हुआ है। सिंह ने बताया कि आरिफ कथित तौर पर अपने पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर काम कर रहा था और वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस में विस्फोट में शामिल होने की बात उसने स्वीकार की है। इस विस्फोट में चार लोगों की मौत हो गई थी और 24 अन्य घायल हुए थे।
उन्होंने बताया कि उसने फरवरी 2022 में जम्मू के शास्त्रीनगर इलाके में एक आईईडी विस्फोट के अलावा 21 जनवरी को नरवाल में दोहरे विस्फोट में भी अपनी भूमिका स्वीकार की, जिसमें नौ लोग घायल हो गए थे। सिंह ने कहा, 'सभी आईईडी सीमा पार से भेजे गए थे।' उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है।
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