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Hindi News भारत राष्ट्रीय वक्फ संशोधन बिल पर मुस्लिम धर्मगुरू की आई प्रतिक्रिया, बोले- सरकार जमीन कब्जाना चाहती है

वक्फ संशोधन बिल पर मुस्लिम धर्मगुरू की आई प्रतिक्रिया, बोले- सरकार जमीन कब्जाना चाहती है

आज सदन में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया गया। हालांकि यह बिल आज संसद में पास नहीं हो सका। इसे लेकर जमीयत उलेमा मुंबई के अध्यक्ष मौलाना एजाज कश्मीर ने बयान देते हुए कहा कि मोदी सरकार वक्फ की जमीन पर कब्जा करना चाहती है।

jamaiyat ulema mumbai president Maulana Ejaz kashmiri remark on waqf board bill in loksabha- India TV Hindi Image Source : INDIA TV वक्फ संशोधन बिल पर मुस्लिम धर्मगुरू की आई प्रतिक्रिया

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में आज वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया। इस दौरान विपक्षी दलों द्वारा सदन में खूब हंगामा देखने को मिला। इस बिल पर अब मुस्लिम धर्मगुरुओं की प्रतिक्रिया आने लगी है। जमीयत उलेमा मुंबई के अध्यक्ष मौलाना एजाज कश्मीरी ने वक्फ बिल को लेकर कहा कि मोदी सरकार मुसलमानों की वक्फ की जमीन पर कब्जा करना चाहती है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि केंद्र की मोदी सरकार मुसलमानों की जमीन पर कब्जा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह बिल भाजपा को वोट देने वालों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है।

मुस्लिम धर्मगुरू बोले- वक्फ की जमीन पर कब्जा चाहती हो सरकार

उन्होंने कहा, "यह बिल इसलिए लाया गया है, ताकि मोदी सरकार मुसलमानों के जमीन पर कब्जा कर ले। इस सरकार को मुसलमानों के ही मामलों में हतक्षेप क्यों करना है। पहले तीन तलाक को खत्म किया और अब मुसलमानों की वक्फ की जमीन पर सरकार की बुरी नजर है। केंद्रीय मंत्री सिर्फ वहाबी, बोहरी, अहमदी कम्युनिटी के दिक्कतों को लेकर बात कर रहे हैं। देश मे इतने शिया-सुन्नी हैं। उसके बारे में क्यों नहीं बोलते, जो लोग मोदी सरकार या bjp को वोट देते है। यह सिर्फ उन्हें ही फायदा देने के लिए यह बिल लाया गया है।"

वक्फ बिल पर और क्या बोले मुस्लिम धर्मगुरू?

उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत मुसलमानों पर ताकत और लाठी के जोर पर जो चाहे वो करवाना चाहती है। यही नियत है। सदन में किसी भी बिल को पास करना सिर्फ नंबर का खेल होता है। मोदी सरकार इस बिल को भी जोर-जबरदस्ती से पास करा लेगी। केंद्र सरकार को मुसलमानों की इतनी ही चिंता है तो मुस्लिम बच्चियों को ही सिर्फ शिक्षा में शिक्षा के अधिकार के तहत आरक्षण दे दें। जब केंद्र सरकार यह बिल सदन में ला रही थी, तब कम से कम विपक्ष के सभी नेताओं से चर्चा करनी चाहिए थी। बिल में क्या है? उसके बारे में बताना चाहिए था। मुसलमानों से जुड़ा बिल लेकर आ रहें और किसी मुस्लिम सांसद या बुद्धजीवी से कोई चर्चा नहीं की। खुद ही सीधे बिल लेकर आ गए। यह सब जान बूझकर किया गया है, क्योंकि केंद्र सरकार मुसलमानों के अधिकार काम करना चाहती है।

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