ओडिशा का श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर इस वक्त चर्चा का केंद्र बना हुआ है। करीब 46 साल बाद जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खोला गया है। भारी सुरक्षा के बीच उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विश्वनाथ रथ के पर्यवेक्षण में मंदिर के रत्न भंडार को खोला गया है। कई लोगों का ये भी मानना है कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर में स्थित रत्न भंडार के भीतरी कक्ष में एक गुप्त सुरंग भी है। लेकिन इस दावे में कितनी सच्चाई है? आइए जानते हैं हमारी इस खबर में।
पुरी के राजा ने क्या कहा?
पुरी के राजा एवं गजपति महाराजा दिव्य सिंह देव ने रत्न भंडार के भीतर सुरंग की अटकलों पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कक्ष की स्थिति का आकलन करने के लिए ‘लेजर स्कैन’ जैसे उन्नत उपकरणों का उपयोग कर सकता है। ऐसी तकनीक का उपयोग कर सर्वेक्षण करने से सुरंगों जैसी किसी भी संरचना के बारे में जानकारी मिल सकती है।
रत्न भंडार के निरीक्षण में क्या मिला?
ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर में रत्न भंडार के पर्यवेक्षण समिति के अध्यक्ष और उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विश्वनाथ रथ ने भी सुरंग की अटकलों पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे निरीक्षण के दौरान हमें सुरंग जैसी किसी विशेष चीज का कोई साक्ष्य नहीं मिला। विश्वनाथ रथ ने आम लोगों और मीडिया से भी सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर गलत सूचना फैलाने से बचने का आग्रह किया।
रत्न भंडार की दीवार में दरार
आपको बता दें कि पूर्व न्यायाधीश विश्वनाथ रथ 10 सदस्यों के साथ रत्न भंडार में सात घंटे से अधिक समय बिताया है। समिति के एक सदस्य दुर्गा दासमहापात्रा ने बताया है कि रत्न भंडार में कोई गुप्त कक्ष या सुरंग नहीं दिखी। छत से कई छोटे पत्थर गिरे थे और रत्न भंडार की दीवार में दरार आ गई है। ऐसे में कुल मिलाकर सभी का बयान यही है कि रत्न भंडार के भीतर कोई सुरंग नहीं है। (इनपुट: भाषा)
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