कल ISRO लॉन्च करेगा PROBA-3 मिशन, जानिए क्या करेगा स्टडी
ISRO कल PROBA-3 मिशन लॉन्च करेगा। यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का मिशन है। PROBA-3 मिशन सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा।
भारत स्पेस साइंस के क्षेत्र में लगातार नाम बना रहा है। भारत की स्पेस एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अब तक कई कीर्तिमान रचे हैं। अब ISRO के नाम एक और उपलब्धि जुड़ने वाली है। ISRO बुधवार को PROBA-3 मिशन लॉन्च करेगा। ISRO ने कहा PSLV-C59 रॉकेट/ROBA-3 मिशन के लिए हमसे लाइव जुड़ें। इस मिशन में ISRO की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) सहयोग कर रही है।
ISRO श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से 4 दिसंबर की शाम 4:08 बजे PROBA-3 मिशन को लॉन्च करेगा। यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का मिशन है। PROBA-3 मिशन सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा। ESA के मुताबिक, 'PROBA-3' मिशन सूर्य के परिमंडल की सबसे बाहरी और सबसे गर्म परत का अध्ययन करेगा। बता दें कि ISRO इससे पहले भी दो प्रोबा मिशन लॉन्च कर चुका है। पहला 2001 में PROBA-1 लॉन्च किया गया था और दूसरा 2009 में PROBA-2 मिशन लॉन्च हुआ था। दोनों मिशनों में ISRO को सफलता मिली थी।
स्पेसक्रॉफ्ट से होगा लॉन्च
PROBA-3 मिशन को दो मेन स्पेसक्रॉफ्ट से लॉन्च किया जाएगा। पहला Occulter है, इसका वेट 200 किलोग्राम है। दूसरा स्पेसक्रॉफ्ट Coronagraph है, जिसका वजन 340 किलोग्राम है। लॉन्चिंग के बाद दोनों सैटेलाइट अलग हो जाएंगे। बाद में सोलर कोरोनाग्राफ बनाने के लिए इन्हें एक साथ पोजिशन किया जाएगा। यह सूर्य के कोरोना का डिटेल स्टडी करेंगे। आपको बता दें सूर्य के बाहरी एटमॉस्फियर को सूर्य का कोरोना कहते हैं।
क्या है PROBA-3 मिशन?
PROBA-3 मिशन यूरोप के कई देशों का एक पार्टनरशिप प्रोजेक्ट है। इन देशों के समूह में स्पेन, पोलैंड, बेल्जियम, इटली और स्विट्जरलैंड शामिल है। इस मिशन की कुल लागत लगभग 200 मिलियन यूरो आंकी गई है। प्रोबा-3 मिशन दो सालों तक चलेगा। इस मिशन की खास बात है कि इसके जरिए पहली बार अंतरिक्ष में ‘प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग’ को टेस्ट किया जाएगा। इसके तहत एक साथ दो सैटेलाइट उड़ेंगे। ये सैटेलाइट लगातार एक ही फिक्स कॉन्फिगरेशन को मेंटेन करेंगे।
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