देवभूमि कहे जाने वाले राज्य उत्तराखंड से हैरान कर देने वाली खबर निकलकर सामने आ रही है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने खुलासा किया है कि उत्तराखंड में कई ऐसे मदरसे मिले हैं जहां पर हिंदू बच्चों को इस्लाम धर्म की शिक्षा दी जा रही थी। जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग अब उत्तराखंड के सभी जिलाधिकारियों को दिल्ली तलब करने की तैयारी में है। आइए जानते हैं ये पूरा मामला।
दूसरे राज्यों से बच्चे लाकर मदरसों में रखे गए
दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बच्चों के अधिकारों को लेकर उत्तराखंड के 14 विभागों के साथ समीक्षा बैठक की थी। इसके साथ ही आयोग की टीम ने देहरादून के कई मदरसों का भी औचक निरीक्षण किया था। यहां उन्हें बड़े स्तर पर अनियमितताएं देखीं। आयोग को देहरादून में कुछ ऐसे मदरसे भी मिले हैं, जहां दूसरे राज्यों से बच्चे लाकर रखे गए थे।
400 से ज्यादा मदरसे अवैध रूप से चल रहे
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक आयोग की मिलीभगत के कारण उत्तराखंड में 400 से ज्यादा मदरसे अवैध रूप से चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि आयोग ने जो भी अनियमितताएं मिलीं उनपर अपना रुख साफ कर दिया है। इन मदरसों पर आयोग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी।
हिंदू बच्चों को इस्लाम धर्म की शिक्षा
NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया है कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग उत्तराखंड के सभी जिलाधिकारियों को दिल्ली तलब करने की तैयारी में है। आयोग की टीम ने ये भी दावा किया है कि जब उन्होंने औचक निरीक्षण किया तो इस दौरान उन्हें ऐसे मदरसे भी मिले हैं जिनमें हिंदू बच्चों को इस्लाम धर्म की शिक्षा दी जा रही थी। (इनपुट: IANS)
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