मणिपुर में फिलहाल इंटरनेट पर जारी रहेगी रोक, सरकार ने निलंबन की अवधि 10 जून तक बढ़ाई
हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर में जहां फिर से सामान्य स्थिति बहाल करने की कोशिश जारी है वहीं राज्य सरकार ने एक बार फिर इंटरनेट सेवाओं पर रोक की अवधि 10 जून तक बढ़ा दी है।
फाल: मणिपुर में इंटरनेट पर रोक की अवधि 10 जून तक के लिए बढ़ा दी गई है। राज्य में हो रही हिंसा की लगातार छिटपुट घटनाओं के बीच, मणिपुर सरकार ने अफवाहों और वीडियो, फोटो और संदेशों के प्रसार को रोकने के लिए सातवीं बार इंटरनेट सेवाओं निलंबन बढ़ा दिया है। गृह आयुक्त एच. ज्ञान प्रकाश ने 10 जून तक इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को बढ़ाते हुए एक नई अधिसूचना में कहा कि मणिपुर के पुलिस महानिदेशक ने बताया कि अभी भी घरों और परिसरों में आगजनी जैसी घटनाओं की खबरें आ रही हैं।
सोशल मीडिया के जरिए हिंसा को भड़का सकते हैं असामाजिक तत्व
आदेश में कहा गया है कि ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता के जुनून को भड़काने वाले अभद्र वीडियो संदेशों के प्रसारण के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते हैं जिससे राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ सकती है।
3 मई को भड़की थी हिंसा
बता दें कि मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर द्वारा आहूत 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान और उसके बाद 16 में से 11 जिलों में 3 मई को व्यापक हिंसा भड़क उठी थी। जिसके बाद एहतियातन मणिपुर सरकार ने हालात को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट पर रोक लगा दी।
एक महीने से इंटरनेट बंद
लगातार जारी छिटपुट हिंसा के चलते के लोग जरूरी सामानों, परिवहन ईंधन, रसोई गैस और जीवन रक्षक दवाओं की कमी का सामना कर रहे हैं, बैंकिंग में गड़बड़ी और ऑनलाइन सुविधाएं सामान्य जीवन को अस्त-व्यस्त कर रही हैं, राज्य में एक महीने से ज्यादा समय से इंटरनेट बंद है। इंटरनेट सेवाओं के अभाव में ट्रैवल एजेंसियों, इंटरनेट आधारित सेवाओं, ऑनलाइन बुकिंग, मीडिया, छात्रों और व्यापार समुदाय को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
विभिन्न संगठनों ने इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की
कांग्रेस सहित विभिन्न संगठन मणिपुर में इंटरनेट सेवा तत्काल बहाल करने की मांग कर रहे हैं। पिछले हफ्ते मणिपुर हाईकोर्ट के एक वकील चोंगथम विक्टर सिंह ने मणिपुर में बार-बार इंटरनेट बंद करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की। याचिका में कहा गया है कि जब सरकार ने दावा किया कि राज्य सामान्य स्थिति में लौट रहा है, फिर भी इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करना जारी रखा।