इंदिरा गांधी को यूं ही नहीं कहा जाता है Iron Lady, पाकिस्तान के दो टुकड़े करने से लेकर किए ये बड़े काम
Birth Anniversary of Iron Lady Indira Gandhi:देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी को आइरन लेडी का तमगा यूं ही नहीं मिला है, बल्कि इसके पीछे उनके द्वारा लिए गए कई कड़े और बड़े ऐतिहासिक फैसले हैं, जिसने भारत की दिशा और दशा दोनों को ही बदलने का काम किया।
Birth Anniversary of Iron Lady Indira Gandhi:देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी को आइरन लेडी का तमगा यूं ही नहीं मिला है, बल्कि इसके पीछे उनके द्वारा लिए गए कई कड़े और बड़े ऐतिहासिक फैसले हैं, जिसने भारत की दिशा और दशा दोनों को ही बदलने का काम किया। इंदिरा गांधी का जन्म आज ही के दिन 19 नवंबर 1917 को प्रयागराज में हुआ था। उनके पिता भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे और मां कमला नेहरू थीं। इंदिरा गांधी ने फिरोज गांधी से वर्ष 1942 में शादी की थी। वह 1966 से 77 तक लगातार तीन बार देश की प्रधानमंत्री रहीं। इसके बाद 1980 में चौथी बार पीएम रहने के दौरान 31 अक्टूबर 1984 को उनकी हत्या कर दी गई। आइए अब आपको बताते हैं कि इंदिरा को आइरन लेडी के नाम से क्यों जाना जाता है?....
पाकिस्तान के कर दिए थे दो टुकड़े
भारत के लिए आतंक और अराजकता का पर्याय बने पाकिस्तान को वह दिन शायद कभी नहीं भूलेगा जब भारत की साहसिक प्रधानमंत्री और आइरन लेडी इंदिरा गांधी ने उसके दो टुकड़े कर दिए थे। इंदिरा गांधी की दखलंदाजी के चलते ही पाक के दो टुकड़े पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान बने और बांग्लादेश का उदय हुआ। बात वर्ष 1971 की है, जब पाकिस्तान गृह युद्ध की भीषण चपेट में था। आज का बांग्लादेश ही तब का पूर्वी पाकिस्तान था, जो खुद को आजाद करने की मांग कर रहा था। मौके की नजाकत को देख इंदिरा गांधी ने पूर्वी पाकिस्तान का समर्थन कर दिया। इससे पाकिस्तान बिलबिला उठा। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जंग शुरू हो गई। वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को 11 दिनों में ही भारतीय सेना ने पस्त कर दिया। पाक सेना के घुटने टेकने के बाद पाकिस्तानी जनरल के साथ वार्ता करके इंदिरा गांधी ने पूर्वी पाकिस्तान को आजाद कराकर बांग्लादेश के रूप में स्थापित करवा दिया।
ऑपरेशन ब्लू स्टार
पाकिसतान के दो टुकड़े होने के बाद वर्ष 1980 में पंजाब में उग्रवाद हावी होने लगा। यहां जनरैल सिंह भिंडरावाला के नेतृत्व में खालिस्तान को आजाद करने की मांग उठने लगी। खालिस्तानी आतंकियों ने स्वर्ण मंदिर में छुपकर खूनी खेल खेलने का बड़ा प्लान बना डाला था। इंदिरा गांधी को यह जानकारी हुई तो उनके होश उड़ गए। खालिस्तान बनाने को पाकिस्तान भी अंदर ही अंदर समर्थन दे रहा था। मगर इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाकर रातों-रात स्वर्ण मंदिर में छुपे खालिस्तानी आतंकियों को घेरवा दिया। जूते उतारकर और सिर में कपड़े बांधकर सिख परंपरा का सम्मान करते हुए सेना के जवानों ने खालिस्तानियों को गोलियों से भून दिया। इस प्रकार भारत के टुकड़े होने से बच गए।
पोखरण परमाणु परीक्षण
इंदिरा गांधी में देश भक्ति की ऐसी ज्वाला जल रही थी, जिसे देखकर दुनिया के बड़े-बड़े देश भी हैरान थे। वर्ष 1974 में भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाने के लिए इंदिरा गांधी ने पोखरण में देश का पहला परमाणु परीक्षण करके पूरे विश्व में तहलका मचा दिया था। इसके बाद भारत की साख और धाक पूरी दुनिया में काफी बढ़ गई। साउथ ईस्ट एशिया में भारत की छवि अब एक नई शक्ति के रूप में बन चुकी थी, जिसकी ओर कोई आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं कर सकता था। यह सब इंदिरा गांधी की वजह से ही था।
बैंकों का राष्ट्रीयकरण
देश को परमाणु शक्ति से संपन्न बनाने, ऑपरेशन ब्लू स्टार से खालिस्तान को टुकड़े-टुकड़े होने से बचाने और पाकिस्तान के दो टुकड़े करने जैसे साहसिक फैसलों के साथ ही इंदिरा गांधी ने सभी बैंकों का राष्ट्रीकरण करके अर्थव्यवस्था को नई पटरी पर लाकर खड़ा कर दिया था। जहां से देश का भविष्य सुरक्षित और मजबूत दिखाई देने लगा। यह बात 19 जुलाई 1969 की है, जब इंदिरा गांधी ने देश भर की 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके तहलका मचा दिया था। इन बैंकों पर बड़े-बड़े राजघरानों का कब्जा था। दूसरी बार 1980 में सात अन्य बैंकों का भी राष्ट्रीयकरण करके वर्तमान भारत की नींव उसी वक्त रख दी थी। इससे भारत आज तक तरक्की और समृद्धि की नई राहों पर चलता जा रहा है। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के इन्हीं फैसलों की वजह से वह आज भी देश की आइरन लेडी कही जाती हैं।