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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'BAPS स्वयंसेवकों के काम से विश्व में बढ़ा भारत का प्रभाव', पीएम मोदी सुनाया एक संत का किस्सा

'BAPS स्वयंसेवकों के काम से विश्व में बढ़ा भारत का प्रभाव', पीएम मोदी सुनाया एक संत का किस्सा

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज डिजिटल माध्यम से बीएपीएस संप्रदाय के सम्मेलन को संबोधित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन गुजरात के अहमदाबाद में स्थित नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में किया गया था।

Indias influence increased in the world due to the work of BAPS volunteers PM Narendra Modi narrated- India TV Hindi Image Source : PTI अहमदाबाद में पीएम मोदी ने किया संबोधित

गुजरात के अहमदाबाद में स्थिति नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में बीएपीएस संप्रदाय के सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने डिजिटल माध्यम से संबोधित किया। इस दौरान शनिवार को पीएम मोदी ने कहा कि बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के स्वयंसेवकों द्वारा की गई सेवा देश को शक्ति प्रदान करती है। साथ ही दुनियाभर में भारत के प्रभाव को बढ़ाती हैं। उन्होंने इस दौरान कहा कि देश ने 2047 तक विकिसत भारत बनने का लक्ष्य रखा है। अगले दो दशक बीएपीएस के स्वयंसेवकों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। बता दें कि इस कार्यक्राम में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी इस कार्यक्रम में शामिल थे। 

पीएम मोदी बोले- सेवा परम धर्म हमारे जीवन का मूल्य

पीएम मोदी ने आगे कहा कि बीपीएसी द्वारा किए गए कार्य भगवान स्वामीनारायण की शिक्षाओं के माध्यम से दुनियाभर में लाखों लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा है, लाखों आत्माओं को छू रहा है और समाज के सबसे निचले छोर पर खड़े अंतिम व्यक्ति को सशक्त बना रहा है। उन्होंने कहा कि आप इसलिए प्रेरणा बनते हैं और पूजे जाते हैं। बीएपीएस का काम पूरे विश्व में भारत क प्रभाव को मजबूत करता है और आपका काम भारत को ताकत देता है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति में 'सेवा परम धर्म' (सेवा सबसे बड़ा धर्म है) कहा गया है। ये सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि हमारे जीवन के मूल्य हैं।

पीएम ने याद किया किस्सा

पीएम मोदी ने आगे कहा कि चाहे भुज का भूकंप हो, केरल का बाढ़ हो, उत्तराखंड में भूस्खलन हो या कोविड 19 महामारी, बीएपीएस स्वयंसेवकों ने हर संकट के दौरान लोगों की करुणा के साथ सेवा की। उन्होंने कहा कि जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ और भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने का फैसला किया, तो बीएपीएस स्वयंसेवकों ने मदद की। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने शायद मध्यरात्रि के बाद बीएपीएस के एक संत से बात की। मैंने बड़ी संख्या में पोलैंड (यूक्रेन से) पहुंचने वाले भारतीयों के लिए मदद का अनुरोध किया। मैंने देखा कि कैसे पूरे यूरोप से बीएपीएस स्वयंसेवकों को एक साथ लाया गया और आपने पोलैंड पहुंचने वाले भारतीयों की कैसे मदद की।’’ 

(इनपुट-भाषा)

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