22 साल बाद भारत लौटीं हमीदा, पाकिस्तान के 'बजरंगी भाईजान' ने बिछड़े परिवार से मिलाया; दिल छू लेने वाला था पल
72 साल की हमीदा बानो को दुबई में नौकरी का झांसा देकर पाकिस्तान ले जाया गया था। हमीदा को पाकिस्तान की नरकीय जिंदगी ने तोड़ दिया था। उन्हें एक ही खयाल आता कि वह मर क्यों नहीं गईं? हमीदा ने अपनी दर्दनाक यात्रा के बारे में बताते हुए कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत वापस आ पाऊंगी।
पिछले 22 वर्षों से पाकिस्तान में रह रही भारतीय महिला हमीदा बानो सोमवार को लाहौर में वाघा बॉर्डर के रास्ते अपने वतन लौट आई। महिला को एक ट्रैवेल एजेंट धोखे से पाकिस्तान ले गया था। 72 साल की हमीदा बानो को दुबई में नौकरी का झांसा देकर पाकिस्तान ले जाया गया था। पारिवारिक मजबूरियां ऐसी थी कि हामीदा बानो 90 के दशक से काम की तलाश के लिए विदेश जाती रही थी। करीब 9 साल दुबई और अबू धाबी में नौकरी भी की और बीच-बीच में वह मुंबई लौट आती थी। इसी दौरान विक्रोली के एक एजेंट ने उन्हें दुबई में अच्छी नौकरी और मोटी पगार दिलवाने का वादा किया और 2002 में मुंबई से फ्लाइट में बैठाकर ले गई। हमीदा पढ़ी लिखी नहीं है इसलिए वह इस साजिश को समझ नहीं पाईं। कुछ घंटे बाद वह दुबई नहीं, बल्कि पाकिस्तान में थीं।
हमीदा ने सुनाई मुंबई के कुर्ला से कराची पहुंचने की कहानी
हमीदा बताती है कि जब वो प्लेन से उतरी तो उन्होंने पाकिस्तान ले जाने पर सवाल भी उठाए। इस पर डरा उन्हें डरा धमका कर चुप रहने की हिदायत दी गई। फिर पाकिस्तान के हैदराबाद में किसी जगह ले जाया गया, जहां चार-पांच और लड़कियां ऐसे ही लाई गई थीं। 18 से 20 साल के बीच इन सभी की उम्र थी। खाने-पीने का वक्त फिक्स नहीं था। कभी दिन में रोटियां दी जाती, कभी रात में। हमीदा थोड़ा-थोड़ा खाती थीं, ताकि कुछ रोटियों को बचा जा सके और फिर भूख लगने पर दुबारा पेट भर सके।
हमीदा से रोज कहा जाता कि उसे आज नौकरी मिल जाएगी या कल मिल जाएगी लेकिन कभी नौकरी नहीं दिलाई। जिसकी निगरानी में घर में रखा गया था, वह एक दिन बाथरूम गया। हमीदा को पता था कि चाभी कहां रखी है। उसने दरवाजा खोला और भाग गई। इसके बाद एक बस में बैठीं और आखिरी स्टॉप तक सफर करती रही। उसके बाद ऑटो किया और दूसरे गंतव्य पहुंच गई। हमीदा इतनी अकेली थी कि फूट-फूट कर रोया करती थीं। दुबई और अबू धाबी में नौकरी की कमाई से चार में से तीन बच्चों की शादियां कर दी थी।
जिस शख्स से की शादी, उसकी कोरोना में हुई मौत
हमीदा ने बच्चों के लिए मुंबई में घर की भी व्यवस्था करवाई थी लेकिन पाकिस्तान की नरकीय जिंदगी ने उन्हें तोड़ दिया। उन्हें एक ही खयाल आता कि वह मर क्यों नहीं गईं? कुछ दिनों वाद सहारे के लिए कराची में एक शख्स से शादी कर ली। मुंबई में उनके पति मोहम्मद हनीफ की 2000 के दशक में ही मौत हो गई थी, जबकि उनके पाकिस्तान वाले पति की कोरोना के दौर में मृत्यु हो गई। पाकिस्तान में पति की पहली पत्नी से जो बच्चे हुए, वही उनका ख्याल रखते थे। मुंबई की हमीदा बानो 22 साल से पाकिस्तान में थी जबकि बच्चे मुंबई में थे। वह भारत आने को तड़प रही थी लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद सफल नहीं हो पा रही थी। अब जब वो वापस भारत आई है, तो उनकी उम्र 72 साल हो गई है।
उनकी बेटी यास्मीन शेख बताती है, अम्मी से लगभग हर महीने बात होती थी। हर बार वह यही कहती थी कि मुझे किसी भी तरह इंडिया बुला लो। यास्मीन के अलावा दूसरी बेटी परवीन विक्रोली में हैं। दो बेटे युसूफ और फजल कर्नाटक में है।
पाकिस्तान के 'बजरंगी भाईजान' की वजह से सामने आई पूरी कहानी
हमीदा की कहानी पाकिस्तान के एक एक्टिविस्ट वलिउल्लाह मारूफ़ की वजह से सार्वजनिक हुई। मंघोपीर के 29 वर्षीय मारूफ एक मस्जिद के इमाम हैं और उन्होंने 2018 से पाकिस्तान में तस्करी करके लाए गए लोगों को उनके देश लौटने में मदद करने को अपना मिशन बना लिया है। मारूफ ने 2022 में हमीदा का एक इंटरव्यू करके सोशल मीडिया पर डाला। एक भारतीय यूट्यूबर खलफान ने इसे शेयर किया। उसी के बाद कुर्ला में रहने वाले हमीदा के परिवार तक यह वीडियो पहुंचा और बच्चे इसे देख रो पड़े। बच्चों ने उनका नंबर निकाला और वीडियो कॉल से बात हुई। उसके बाद से वीडियो और ऑडियो कॉलिंग का यह सिलसिला चल रहा था लेकिन कहानी इसके आगे नहीं बढ़ रही थी।
लेकिन साल 2022 में हमीदा की कहानी को मीडिया के जरिए काफी जगह मिली जिसके पास सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा किया गया और आखिरकार अब हमीदा वापस हिंदुस्तान लौट आई है।