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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'एक कटोरी चावल और छह बच्चे' किसी ने बिस्किट खाकर काटे दिन, यूक्रेन से लौटे छात्रों की दास्तान रुला देगी़

'एक कटोरी चावल और छह बच्चे' किसी ने बिस्किट खाकर काटे दिन, यूक्रेन से लौटे छात्रों की दास्तान रुला देगी़

जिन बच्चों को अरमानों से विदेश पढ़ने भेजा था वो एक बिस्किट और एक चम्मच चावल पर दिन काटने को मजबूर हुए।

Indian students return from ukraine - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Indian students return from ukraine 

Highlights

  • स्वदेश लौटे छात्र बता रहे हैं आपबीती
  • सीमाओं पर शाकाहारियों को दिक्कतें हुई

रूस यूक्रेन युद्ध के बीच स्वदेश वापसी कर रहे भारतीय छात्रों दर्द उभर कर  सामने आ रहा है। खारकीव से सुरक्षित लौट आए गौरव नामक छात्र ने एयरपोर्ट पर ही बताया कि यूक्रेन की सीमा पर बिताए दिन उसकी जिंदगी के सबसे कठिन दिन थे। यूक्रेन की सीमा पर पहुंचे लोगों को बेहद कम भोजन में बर्फीले मौसम में कई दिन काटने पड़े। 

सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों को हुई जो शाकाहारी थे। दरअसल हंगरी और रोमानिया की सीमाओं पर भोजन तो था लेकिन सब कुछ मांसाहार था। वो बच्चे जो वेजिटेरियन हैं, उन्हें एक बिस्किट के पैकेट पर पूरे पूरे दिन गुजारा करना पड़ा। भूख लगने पर पानी पीना ही आखिरी विकल्प था। एक तो बर्फीली सर्दी, ऊपर से भूखा पेट बच्चों की जान सांसत में थी। लेकिन अपनों के पास पहुंचने की ललक में बच्चे ये कठिन समय पार करके अपने घरवालों के पास पहुंच ही गए। 

कुछ बच्चों ने ये भी बताया कि बार्डर तक पहुंचने का रास्ता भी बहुत ही कठिन रहा। कई जगहों पर स्कूलों में शरण मिली लेकिन खाने पीने के लाले थे। इस दौरान खाने के नाम पर एक कटोरी चावल छह छह लोगों को दिए जाते थे और उसके बाद कब तक भूखा रहना पड़ता था, इसका भी अंदाजा नहीं था। कई बच्चों ने दिन भर पानी पी पी कर गुजारा किया। 

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