Indian Railways: इंडियन रेलवे अपने यात्रियों की सुविधाओं का हमेशा ध्यान रखता है। इसके लिए वह लगातार कोशिश में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में स्टेशनों के कायाकल्प के लिए रेलवे 40 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को मॉल में बदल सकता है। इसके लिए रेलवे 17,500 करोड़ के पैकेज की तैयारी कर रहा है। इस राशि से आने वाले समय में स्टेशनों का इस तरह कायाकल्प किया जाएगा कि वे मिनी मॉल की तरह दिखाई देंगे। ये स्टेशन रूफटॉप प्लाजा से लैस होंगे। इनमें शॉपिंग सेंटर्स, फूड कोर्ट और रेस्तरां होंगे। इसके लिए बाकायदा ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है।
इस बार रेलवे ने बॉल रोलिंग से पहले जरूरी फंड तैयार कर लिया है. सरकार ने पहले चरण में 46 स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए 17,500 करोड़ रुपये (2021-22 के अनुपूरक बजट में 12,000 करोड़ रुपये और 2022-23 के बजट में 5,500 करोड़ रुपये) मंजूर किए हैं। रेलवे ने बाद के चरण में देश के कुल 9,274 (मार्च 2020 के आंकड़े) में से 300 और स्टेशनों का पुनर्विकास करने की योजना बनाई है।
ब्लूप्रिंट में क्या बताया गया?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रेलवे ने ब्लूप्रिंट में बताया कि कई स्टेशनों को एलिवेटेड रोड से जोड़ा जाएगा और कुछ स्टेशनों में एयर कॉन्कोर्स, फूड कोर्ट और अन्य सुविधाओं के साथ ट्रैक के ऊपर एक जगह और होटल के कमरे होंगे। उदाहरण के लिए बिहार के गया स्टेशन में तीर्थयात्रियों के लिए अलग मॉल हो सकता है। इसी तरकह सोमनाथ में स्टेशन की छत पर 12 ज्योतिर्लिंगों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक दर्जन शिखर होंगे। कुछ स्टेशनों को ऐसे ही कायाकल्प के लिए धनराशि दी गई है।
कन्याकुमारी के लिए 61 करोड़ रुपये और नेल्लोर के लिए 91 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि प्रयागराज के लिए 960 करोड़ रुपए और चेन्नई जैसे प्रमुख स्टेशनों को 842 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। ये ब्लूप्रिंट सिर्फ रेलवे के आधुनिकरण के लिए नहीं है। बल्कि इस योजना से यह संकेत भी मिलता है। कि रेल मंत्रालय पब्लिक और प्राइवेट पार्टनरिशिप को कैसे देखता है। रेलवे प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि अब सिर्फ कोर स्टेशनों के एरिया को ही विकसित करने पर धनराशि का व्यय किया जा रहा है। अगले दो तीन सालों में उस हिस्से के बनने के बाद आसपास के क्षेत्रों में अधिक रीयल एस्टेट विकसित करने के लिए निजी कंपनियों से बोलियां आमंत्रित करेंगे।
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