VIDEO: ...जब एक ही ट्रैक पर आमने-सामने आ गई 2 ट्रेनें, फिर रेल मंत्री ने अधिकारियों की पीठ थपथपाई
रेल मंत्री खुद कवच परीक्षण के दौरान इंजन में लोको पायलट का हौसला बढ़ाया और पीठ थपथपाई। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट करके इस परीक्षण के सफल होने की जानकारी दी।
Highlights
- ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ का परीक्षण किया
- रेल मंत्री ने लोको पायलट का हौसला बढ़ाया
- जानिए क्या है ‘कवच' प्रणाली
Indian Railway News: भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने शुक्रवार को स्वदेश निर्मित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ का रेल मंत्री अश्विनि वैष्णव की मौजूदगी में परीक्षण कर नया इतिहास रच दिया है। दरअसल, रेलवे ने भविष्य में ट्रेन हादसों को रोकने के लिए शुक्रवार को कवच प्रणाली की टेस्टिंग की है। खुद ट्रेन में बैठकर रेल मंत्री अश्विनि वैष्णव ने ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ का परीक्षण किया और इसके बाद रेल अधिकारियों की पीठ थपथपाते हुए बधाई दी।
आमने-सामने आ रही 2 ट्रेनों की 'कवच' ने रोक दी टक्करदेश की सबसे बड़ी सार्वजनिक परिवहन भारतीय रेलवे में सुरक्षा हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही हैं। स्वदेश निर्मित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली ‘कवच' का परीक्षण 4 मार्च को सिकंदराबाद में किया गया, जिसमें 2 ट्रेन पूरी गति के साथ विपरीत दिशा से एक दूसरे की तरफ बढ़ीं। इस परीक्षण के दौरान खुद रेल मंत्री अश्विनि वैष्णव इंजन में लोको पायलट के साथ मौजूद रहे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सनतनगर-शंकरपल्ली मार्ग पर गुल्लागुड़ा रेलवे स्टेशन से आने वाली ट्रेन में मौजूद थे और दूसरी ओर से चिठिगुड़ा रेलवे स्टेशन के तरफ से आने वाली लोको में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के त्रिपाठी मौजूद थे। परीक्षण के दौरान दोनों इंजन एक-दूसरे के सामने आकर खड़े हो गए।
रेल मंत्री खुद कवच परीक्षण के दौरान इंजन में लोको पायलट का हौसला बढ़ाया और पीठ थपथपाई। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट करके इस परीक्षण के सफल होने की जानकारी दी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, 'रियर-एंड टक्कर परीक्षण सफल रहा है। कवच ने अन्य लोको से 380 मीटर पहले लोको को स्वचालित रूप से रोक दिया।'
रेल मंत्री ने शेयर किया वीडियो
जिस ट्रेन में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव सवार थे वह सामने से आ रही ट्रेन से 380 मीटर पहले ही रुक गई। यह सब 'कवच' तकनीक की वजह से हुआ। रेलमंत्री ने इससे जुड़ा वीडियो भी शेयर किया। 'कवच' को रेलवे द्वारा दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। ‘शून्य दुर्घटना' के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे की मदद के लिए स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली का निर्माण किया गया। कवच को इस तरह से बनाया गया है कि यह उस स्थिति में एक ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक देगा, जब उसे निर्धारित दूरी के भीतर उसी लाइन पर दूसरी ट्रेन के होने की जानकारी मिलेगी।
जानिए क्या है ‘कवच' प्रणाली
- रेलवे की बनाई नई तकनीक की मदद से दो ट्रेन अगर विपरीत दिशा से होते हुए भी एक दूसरे की तरफ आ रही हैं और दोनों की स्पीड कितनी भी हो पर ‘कवच’ की वजह से दोनों ट्रेन टकराएंगी नहीं और दुर्घटना खुद रुक जाएगा। ‘कवच' प्रणाली में उच्च आवृत्ति के रेडियो संचार का उपयोग किया जाता है।
- जानकारी के मुताबिक, कवच एक एंटी कोलिजन डिवाइस नेटवर्क है जो कि रेडियो कम्युनिकेशन, माइक्रोप्रोसेसर, ग्लोबर पोजिशनिंग सिस्टम तकनीक पर आधारित है।
- इस तकनीक ‘कवच’ के तहत जब दो आने वाली ट्रेनों पर इसका उपयोग होगा तो ये तकनीक उन्हें एक दूसरे का आंकलन करने में और टकराव के जोखिम को कम करने में ऑटोमेटिक ब्रेकिंग एक्शन शुरूकर देगी, इससे ट्रेनें टकराने से बच सकेंगीं।
- अधिकारियों के मुताबिक, कवच एसआईएल-4 (सुरक्षा मानक स्तर चार) के अनुरूप है जो किसी सुरक्षा प्रणाली का उच्चतम स्तर है। एक बार इस प्रणाली का शुभारंभ हो जाने पर पांच किलोमीटर की सीमा के भीतर की सभी ट्रेन बगल की पटरियों पर खड़ी ट्रेन की सुरक्षा के मद्देनजर रुक जाएंगी। कवच को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति के लिए अनुमोदित किया गया है.
- बता दें कि, वर्ष 2022 के केंद्रीय बजट में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच' के तहत लाने की योजना है। दक्षिण मध्य रेलवे की जारी परियोजनाओं में अब तक कवच को 1098 किलोमीटर मार्ग पर लगाया गया है। कवच को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग पर भी लगाने की योजना है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 3000 किलोमीटर है।